रायपुर.
मरवाही में आज एक नया घटना क्रम देखने को मिला। जिसमें कांग्रेस पार्टी से जुड़े पदाधिकारी और स्थानीय आदिवासी नेता अचानक जोगी बंगले पर पहुंच गए। जहां पर बंद कमरे में अमित जोगी और डॉ. रेणु जोगी के साथ कांग्रेसियों के बीच बातचीत हुई। लगभग एक घंटे चली बातचीत के बाद वापस बाहर आए। कांग्रेसियों ने सिर्फ मुलाकात और विजय दशमी की अग्रिम बधाई देने की बात कही है।
मरवाही विधानसभा क्षेत्र के दर्जनभर से अधिक कांग्रेसी नेता और पदाधिकारी आज गौरेला में स्थित जोगी बंगले पर पहुंचे। जहां पर बंद कमरे में लगभग 1 घंटे तक जोगी बंगले में जेसीसीजे के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी और राष्ट्रीय अध्यक्ष के बीच बातचीत हुई। एक घंटे के बाद जब सभी स्थानीय नेता बाहर आए तो मीडिया के पूछने पर उन्होंने कहा कि जोगी परिवार के वो हिस्से हैं और वे सभी आज विजयादशमी की शुभकामनाएं देने के लिए जोगी बंगले पहुचे थे। लेकिन राजनीतिक चर्चा से इंकार कर दिया है।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई बात होगी तो जरूर आप लोगों को जानकारी दी जाएगी। इनका कहना है कि डॉ. के के ध्रुव का वे सभी लगातार विरोध कर रहे हैं और कांग्रेस के द्वारा जो टिकट मरवाही से डॉ. ध्रुव को दिया गया है। जब तक बदल नहीं जाता है तब तक वे विरोध करेंगे। विरोधियों ने एक बात साफ कर दी है। डॉक्टर के के ध्रुव के पीछे कोई दूसरे व्यक्ति लोग काम कर रहे हैं।
डॉ. सिर्फ मोहरा हैं जिसे लेकर सभी में नाराजगी है। हालांकि मरवाही विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस नेताओं और विधानसभा के लिए 27 दावेदारों के द्वारा कहा जाता है। डॉ. मरवाही विधानसभा में पैराशूट हैं। उनकी जगह 27 में से किसी एक को टिकट दिए जाना चाहिए था। यहां कर आदिवासी नेता टिकट मिलना था। पर ऐसा नहीं किया गया। जिसके कारण वे कांग्रेस प्रत्याशी केके ध्रुव का विरोध कर रहे हैं।
वहीं कल डॉ. के विरोध में मरवाही के 12 स्थानीय आदिवासी नेताओ ने इस्तीफा तक दे दिया है। हालांकि, अब तक कांग्रेस संगठन की ओर से उनका इस्तीफा स्वीकार नही किया गया है। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से उमीदवार गया थ। स्व अजीत जोगी जेसीसीजे से चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। आज जो अमित जोगी और रेणु जोगी से मुलाकात की है। उनमें से बड़े नेता गुलाब राज, विवेक पोर्ते, शंकर पटेल, दया वाकरे, गजरूप सलाम, विशाल उरेटि, प्रताप सिंह मरावी, मुद्रिका सर्राती, अजय शुक्ला, शामिल थे। बहरहाल बंद कमरे में जो भी राजनीतिक चर्चा हुई। कहीं न कहीं मरवाही कांग्रेस के लिए नुकसान ही साबित होगा।