रायपुर। कोरोना का साया अब मंत्रालय पर भी पड़ गया है। इंद्रावती भवन में कार्यरत 2 कर्मचारियों की मौत हो गई है। इंद्रावती भवन में एक साथ 8 लोग कोरोना संक्रमित मिले थे, इसके बाद कई फैसले लिए गए थे। लेकिन कोई गाइडलाइन्स का पालन नहीं हो रहा है। इसके चलते कर्मचारी संघ ने अब सचिव के पास ज्ञापन सौंपा है। मंत्रालय में अबतक कोरोना से 2 कर्मचारियों की मौत हुई है, जिसमें भूपेंद्र केवट और व्यास नारायण शुक्ला शामिल है। इंद्रावती भवन में व्यास नारायण शुक्ला टेक्निकल एजुकेशन में कार्यरत थे। अब कर्मचारियों में दहशत का माहौल बना हुआ है। कर्मचारियों का कहना है कि रोस्टर में ड्यूटी लगाई गई थी, इसका भी कोई पालन नहीं हो रहा है।
सचिव को ज्ञापन सौंपा
कर्मचारी संघ ने अपनी मांगों को लेकर सचिव को ज्ञापन सौंपा है, उनका कहना है कि एनआईसी के लगभग 8 से अधिक कर्मचारी एक साथ कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। मंत्रालय स्थित एनआईसी को न तो सैनिटाइज किया गया और न ही बंद किया गया है, जिससे अधिकारी-कर्मचारी खैफजदा हैं। कोरोना के बहुत अधिक प्रकरण संचालनालय में भी पाए गए हैं, सभी कोई एक साथ सफर कर रहे हैं, ऐसे में कोरोना का खतरा बढ़ गया है।
कर्मचारियों के स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही
बस में मंत्रालय के भी कर्मचारी भी सफर कर रहे हैं, जबकि न तो बसों को सैनिटािज किया जा रहा है न ही मंत्रालय स्थित विभागों को, कई विभागों में भी अधिकारी-कर्मचारी कोरोना से पीड़ित हैं। शासन-प्रशासन का अपने ही कर्मचारियों के स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही चिंता का विषय है।
कर्मचारी संघ की प्रमुख मांग-
तत्काल मंत्रालय परिसर में कोविड-19 टेस्ट की व्यवस्था बहाल की जाए। मंत्रालय परिसर में प्रतिदिन पर्याप्त सैनिटाईजेशन किया जाए।
मंत्रालय के प्रवेश द्वारों एवं सभी कक्षों-सेक्शनों में सैनिटाइजर और थर्मल स्कैनर की व्यवस्था की जाए। बाहरी लोगों का प्रवेश बंद किया जाए।
रोस्टर को कड़ाई से लागू करवाया जाए एवं विभागों को जवाबदेह बनाया जाए।
मंत्रालय एवं विभागाध्यक्ष के अधिकारी-कर्मचारियों के लिए पृथक-पृथक बसों की व्यवस्था की जाए, बसों को नियमित सैनिटाइज किया जाए।
आयुष काढ़ा और इम्यूनिटी बूस्टर दवाओं के वितरण की व्यवस्था की जाए।
45 वर्ष से कम आयु वर्ग के सभी कर्मचारी-अधिकारियों का टीकाकरण भी फ्रंटलाईन वर्कर्स मानकर सुनिश्चित किया जाए।