अहमदाबाद
दक्षिण पश्चिम अरब सागर से उठ रहे चक्रवाती तूफान का गुजरात पर कोई असर नहीं पड़ेगा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने यहां यह जानकारी दी। आईएमडी ने इससे पहले एक बयान में कहा था कि दक्षिण पूर्व और दक्षिण पश्चिम अरब सागर में निम्नदबाव का क्षेत्र बना है आज 22 अक्टूबर तक उसके चक्रवाती तूफान का रूप लेने की आशंका है। हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवातों के नामकरण के लिए अपनाए जा रहे फार्मूले के अनुसार इसे ‘तेज’ कहा जाएगा। इस चक्रवात का अरब देशों पर ज्यादा इंपैक्ट दिखेगा, हालांकि मौसम विभाग ने समुद्र के किनारे वाले इलाकों में 2 नंबर का सिग्नल दिया और मछुआरों को अलर्ट रहने को कहा है।
आज 22 अक्टूबर को भयंकर होगा
आईएमडी के अनुसार आशंका है कि आज 22 अक्टूबर यानी रविवार को यह भयंकर चक्रवाती तूफान का शक्ल ले सकता है तथा ओमान के दक्षिणी तटों एवं निकटवर्ती यमन की ओर बढ़ सकता है, हालांकि कभी-कभी चक्रवात अपना रास्ता बदल भी लेते हैं। यहां मौसम विज्ञान केंद्र की निदेशक मनोरमा मोहंती ने कहा कि 22 अक्टूबर की शाम तक इसके भयंकर चक्रवाती तूफान का शक्ल लेने तथा दक्षिणी ओमान एवं यमन तट की ओर बढ़ने की आशंका है। उन्होंने कहा कि चूंकि चक्रवात पश्चिम-उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ेगा। ऐसे में उसका गुजरात (जो पश्चिम में है) पर कोई असर नहीं पड़ सकता है। अगले सात दिनों तक गुजरात में मौसम शुष्क रहेगा।
बिपरजॉय में मचाई थी तबाही
राज्य के राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने कहा कि फिलहाल कोई खतरा नहीं है। जून में अरब सागर से उठे बिपरजॉय तूफान ने गुजरात में कच्छ तथा सौराष्ट्र के कई क्षेत्रों में भयंकर तबाही मचायी थी। पहले यह पश्चिम की ओर बढ़ रहा था लेकिन बाद में उसने दिशा बदली तथा कच्छ तट से जा टकराया। तब गुजरात सरकार को चक्रवात की चुनौती से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारी करनी पड़ी थी। सरकार के तैयारी के चलते कोई जनहानि नहीं हुई थी। इतना ही नहीं सरकार ने तब क्षत्रिग्रस्त हुए इंफ्रास्ट्रक्चर को जल्दी ठीक कर लिया था। तब गुजरात सरकार के आपदा प्रबंधन की काफी तारीफ हुई थी।