इस्लामाबाद
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ देश की सियासत में लंबे समय के बाद फिर से एंट्री लेने जा रहे हैं। नवाज शरीफ ब्रिटेन में लंबे समय तक रहने के बाद एक बार फिर से पाकिस्तान के लिए रवाना हुए हैं। नवाज शरीफ पहले सऊदी अरब पहुंचे हैं और उमरा के नाम पर प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रहे हैं। नवाज शरीफ अभी पाकिस्तान पहुंचे भी नहीं है और उनकी पार्टी पीएमएल एन ने उनके स्वागत के लिए रैलियों का दौर शुरू कर दिया है। इस बीच नवाज शरीफ के दामाद और मरियम नवाज के पति कैप्टन सफदर ने खुलकर भारत और इजरायल के खिलाफ जहर उगला है और मुस्लिमों को गजवा-ए-हिंद के लिए तैयार रहने को कहा है। उन्होंने इजरायल को परमाणु बम की धमकी भी दी।
कैप्टन ने फलस्तीन के समर्थन में पेशावर में आयोजित एक रैली में खुलकर भारत और इजरायल की आलोचना की। सफदर ने कहा कि अगर जिहाद के लिए तैयार न रहे तो जिल्लत का सामना करना होगा। जिहाद के लिए तैयार रहो, गजवा-ए-हिंद या भारत के खिलाफ जंग के लिए तैयार रहो। कैप्टन सफदर पाकिस्तानी सेना से रिटायर हैं। उन्होंने कश्मीर और फलस्तीन को लेकर भारत और इजरायल पर निशाना साधा। इस रैली का आयोजन पाकिस्तानी की कट्टरपंथी पार्टी जमीयत ए उलेमा इस्लाम ने गाजा में इजरायल के हमले के विरोध में आयोजित किया था।
पाकिस्तान में आयोजित इस रैली को इजरायल में हमला करने वाले हमास के दो आतंकी नेताओं ने भी संबोधित किया। सफदर ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के परमाणु बम सभी मुस्लिमों के हैं। इस दौरान उन्होंने कश्मीर और फलस्तीन का जिक्र किया। सफदर यहीं नहीं रुके उन्होंने पाकिस्तान के अल्पसंख्यक अहमदिया समुदाय पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि फलस्तीन में महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है। गाजा में लाशें बिछाई जा रही हैं। उन्होंने नवाज शरीफ के बयान का हवाला दिया जिसमें उन्होंने कश्मीर को लेकर परमाणु धमकी दी थी।
कैप्टन सफदर ने कहा कि पाकिस्तान का परमाणु बम हर मुस्लिम देश का है। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को जिहाद के लिए रहना होगा और गाजा के मुस्लिमों को बताना होगा कि हम आपके साथ हैं। बता दें कि पाकिस्तानी नेता जहां इजरायल के खिलाफ जहर उगल रहे हैं, वहीं पर्दे के पीछे से इजरायल के साथ दोस्ती को बरकरार रहते हैं। पाकिस्तान छिप-छिपकर इजरायल के साथ रिश्ते रखता है। हमास के हमले के पहले तक पाकिस्तान पर दबाव था कि वह सऊदी अरब की राह पर चले और इजरायल के साथ रिश्ते सामान्य कर ले। यही वजह थी कि पाकिस्तान ने अपने पहले बयान में इजरायल के खिलाफ नरमी बरती थी।