तेलअवीव
इजरायल और हमास के बीच जारी जंग लगातार भीषण हो रही है। इजरायल ने तो अपने करीब साढ़े तीन लाख सैनिकों को गाजा पट्टी की सीमा पर तैनात कर रखा है और कभी भी जमीनी हमला हो सकता है। इजरायल इस ऐक्शन के जरिए गाजा पट्टी के बड़े इलाके पर कब्जा जमा सकता है, जिसे लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ समेत दुनिया भर की संस्थाएं चिंतित है। हालांकि यह जंग अकेले फिलिस्तीन का ही नुकसान नहीं कर रही बल्कि इजरायल के आगे भी और मुसीबत खड़ी है। एक तरफ वह गाजा पर हमले को तैयार है तो लेबनान की ओर से हिजबुल्लाह भी उसकी उत्तरी सीमा को निशाना बना सकता है।
ऐसी स्थिति से निपटने के लिए इजरायल ने भी बैकअप बनाना शुरू कर दिया है। लेबनान की ओर से खतरे को देखते हुए इजरायल ने अपनी उत्तरी सीमा के कई इलाकों को खाली करने का आदेश दिया है। इजरायल की सेना ने लेबनान से लगती करीब 2 किलोमीटर की एक कॉलोनी में रह रहे लोगों को निकलने को कहा है। लंबे समय से यह इलाका हिजबुल्लाह के निशाने पर रहा है। पहले भी हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच जंगें हो चुकी हैं और इसी इलाके से हिजबुल्लाह ने इजरायल पर वार किए हैं। रविवार को भी हिजबुल्लाह ने एक मिसाइल इजरायल की ओर दागी थी, जिसमें एक नागरिक की मौत हो गई थी।
यही नहीं एक और मिसाइल जो इजरायल को निशाना बनाकर दागी गई थी, वह लेबनान की सीमा में ही एक पत्रकार पर जा गिरी। इस घटना में रॉयटर्स के वीडियो पत्रकार इसाम अब्दल्लाह की मौत हो गई थी। इस हमले में अल जजीरा, एएफपी समेत कई और एजेंसियों के 6 पत्रकार जख्मी हुए थे। इस हमले पर दुख जताते हुए लेबनान के राष्ट्रपति ने इस घटना के लिए इजरायल को जिम्मेदार बताया था। लेबनान के राष्ट्रपति गिलाड एर्डान ने कहा कि आप जानते हैं कि हम मीडिया को निशाना नहीं बनाते। हम युद्ध में हैं और उसमें गलती से ऐसी चीज हुई है।
गौरतलब है कि इजरायल और हमास के बीच छिड़ी जंग ने पूरी दुनिया को अलर्ट कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इस मामले में मध्यस्थता के मूड में दिख रहे हैं। वह बुधवार को इजरायल पहुंचेगें और फिर उनका जॉर्डन जाने का भी प्लान है। उनसे पहले विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन सऊदी अरब और मिस्र जैसे देशों का दौरा कर चुके हैं। हालांकि सऊदी अरब ने दोटूक कहा कि इजरायल को फिलिस्तीन पर हमले रोकने होंगे।