पूर्व की तरह कामकाज स्थगित करने या फिर सख्त नियमों के साथ काम संचालित करने मांग
बिलासपुर। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर तेजी से फैल रही है। इस स्थिति में न्यायालयीन कर्मचारी संघ ने प्रदेश के सभी अधीनस्थ न्यायालयों में कामकाज पूर्व की तरह स्थगित करने या फिर सख्त नियमों के साथ काम संचालित करने की मांग की है। ताकि न्यायाधीशों के साथ ही अधिकारी-कर्मचारी व अधिवक्ता कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रह सकें।
इस स्थिति में न्यायालयीन कर्मचारियों को अपने व स्वजनों के स्वास्थ्य की चिंता सताने लगी है। यही वजह है कि संघ के प्रदेश अध्यक्ष युद्धेश्वर सिंह ठाकुर ने हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को ज्ञापन सौंपा है।
इसमें बताया गया है कि कोविड -19 की द्वितीय लहर राज्य में विकराल रूप लेकर आम जनता सहित न्यायालयीन अधिकारी-कर्मचारियों के साथ ही न्यायाधीश व अधिवक्ता को संक्रमित कर रहा है। इसके प्रभाव से कई न्यायालयीन कर्मचारी एवं अधिवक्ताओं की असामयिक मौत हो चुकी है। प्रदेश के जिला न्यायालयों में बड़ी संख्या में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संक्रमित हो रहे हैं। इसका प्रमुख कारण यह है कि जिला न्यायालयों में पूर्ण रूप से तीन फरवरी 2021 से कार्य प्रारंभ कर दिया गया है, जिससे सभी अधिवक्ताओं के साथ ही पक्षकारों की भीड़ पहुंच रही है। इसी तरह जेलों से अभिरक्षाधीन बंदियों को जिला न्यायालयों में पेश किए जा रहे हैं।
अभिरक्षाधीन बंदियों को जिला न्यायालयों में पेश करने से उनके स्वजन भी अदालत पहुंचते हैं। उन अभिरक्षाधीन बंदियों की सुरक्षा एवं देखभाल के लिए पुलिस बल भी तैनात रहते हैं। इसके चलते अदालत में कोर्ट में लगातार लोगों की आवाजाही चल रही है। इसके अलावा जिलों के विभिन्न् थानों से रिमांड व चालान लेकर भी पुलिसकर्मी कोर्ट पहुंचते हैं।
पक्षकारों की भीड़ बिना मास्क एवं शासन के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर अदालतों में पहुंच रही है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। कोरोना की दूसरी लहर को ज्यादा घातक बताया जा रहा है। इससे न्यायालयीन अधिकारी-कर्मचारियों के साथ ही अधिवक्ताओं के स्वास्थ्य को लेकर खतरा बढ़ गया है। ऐसे में न्यायालयीन कामकाज को पूर्व की तरह स्थगित करने की मांग की गई है।
रोटेशन में लगाई जाए कोर्ट
न्यायालयीन कर्मचारी संघ ने न्यायिक अधिकारी-कर्मचारी, न्यायाधीशों के साथ ही वकीलों व उनके स्वजनों को लेकर चिंता जाहिर की है। संघ ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के सभी न्यायालयों में स्थिति नियंत्रित होते तक रोटेशन में कोर्ट लगाने व 50 फीसद कर्मचारियों की उपस्थिति में कामकाज संचालित करने की मांग की है।
रायपुर अधिवक्ता संघ ने भी सीजे को लिखा पत्र
रायपुर में कोरोना के तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिला अधिवक्ता संघ ने भी आने वाले कुछ दिनों के लिए न्यायालयीन कार्य स्थगित करने की मांग की है। संघ के अध्यक्ष आशीष कुमार सोनी ने कहा है कि अदालती कार्रवाई स्थगित करने से प्रकरण में आने वाले अधिवक्ता, पक्षकार, साक्षी, पुलिस एवं अन्य व्यक्ति यायालय परिसर आने से मुक्त रहेंगे। साथ ही अनावश्यक भीड़ से बचा जा सकेगा। संघ ने सभी प्रकरणों में जनरल पेशी तिथि देने और सिर्फ अत्यावश्यक प्रकृति के मामलों की ही सुनवाई करने की व्यवस्था की मांग की है।