केशकाल। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सांसद दीपक बैज राज्यसभा सदस्य फूलोदेवी नेताम एवं बस्तर के सभी 12विधायक सहित आज मांझीनगढ में होली मनायेंगे। अपने संसदीय सलाहकार राजेश तिवारी को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का राष्ट्रीय सचिव बनाये जाने से गदगद् भूपेश बघेल असम चुनाव एवं पश्चिम बंगाल के चुनावी व्यस्तता से उबरकर राजधानी से दूर बड़े राजपुर ब्लाक के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल में चुनावी खुमारी उतारते हुए होली मनाने का फैसला बढ़ते कोरोना संक्रमंण को देखते हुए मुख्यमंत्री निवास में आयोजित होने वाले होली मिलन कार्यक्रम निरस्त होने के निर्णय के बाद अचानक लिया है।भीड़भाड़ से दूर रहकर आदिवासी बाहुल्य बस्तर के विधायकों सांसदों एवं चुनिंदे नेताओं के सांथ होली का त्यौहार मनाने और अपने खासमखास राजेश तिवारी को बधाई देने के लिए यह फैसला लिया जिसकी भनक किसी को न लगे इसका खास ध्यान रखा गया। इस अवसर पर भीड़भाड़ न हो इसलिए शामिल होने वालों को इसकी जानकारी गुप्त रखने की हिदायत दिया गया है और अलग अलग रास्तों से आने तथा किसी और को न लाने की भी खास तौर पर समझाइश दिया गया है। मुख्यमंत्री खुद सावधानी बरतते बगैर तामझाम के राजेश तिवारी के सांथ नरहरपुर सरोना होते हुए रात में ही मांझीनगढ पंहुच गये। कोंडागांव के विधायक एवं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मंडावी जिले के कलेक्टर एवं एस पी के सांथ एक ही वाहन में सवार होकर माकडी बांसकोट होते हुए देर रात्रि को मुख्यमंत्री के आगमन के पूर्व पहुंचकर व्यवस्था चाक चौबंद करने में जुट गये। विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार केशकाल विधायक संतराम नेताम को आयोजित कार्यक्रम की गोपनीय जानकारी मुख्यमंत्री ने समय रहते दे दिया था जिसके चलते वो किसी को भनक न लग पाये इसलिए सर सामान और होली का माल मसाला लेकर मांझीनगढ में डेरा डाल दिये थे। मांझीनगढ से सटे ग्राम कोसमी के एक जानकार ने अपना नाम पहचान छिपाये रखने के शर्त पर बताया की दो दिन पहले ही 2बकरा और 10-12देशी मुर्गा और खाना बनाने का सामान मांझीनगढ पंहुच गया है। मांझीनगढ आने जाने वालों पर भी रोक लगा दिया गया है। असम में फिर से कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए पिछले कई दिनों से जबर्दस्त कवायद करने वाले मुख्यमंत्री असम से लौटते ही आगामी विधानसभा चुनाव बाद छत्तीसगढ़ में फिर से अपनी सरकार बनाये रखने के सियासती गंणित में जुट गये हैं।छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने में बस्तर की अहं भूमिका होती है जिसको ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा मांझीनगढ में होली मनाने के फैसले को राजनीतिक रंणनितिकार अपने अपने नजरिए विष्लेषंण कर रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि 15 साल का सत्ता खोकर खाली बैठे बैठे अगले चुनाव में फिर से सरकार बना लेने का हसीन सपना देखने वाले पार्टी के नेताओं कार्यकर्ताओं को इसकी भनक तक नहीं है और सब होली मनाने में मस्त हैं।