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सर्वेक्षण: 50% कनाडाई चाहते हैं कि ओटावा निज्जर की हत्या पर दिल्ली के साथ तनाव करे कम

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टोरंटो
एक सर्वेक्षण के अनुसार, 50 प्रतिशत से अधिक कनाडाई चाहते हैं कि उनका देश खालिस्तानी कट्टरपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर भारत के साथ तनाव कम करे और राजनयिक वार्ता में शामिल हो। न्यूज द्वारा कराए गए नैनो रिसर्च पोल से पता चला है कि 57 प्रतिशत कनाडाई लोग चाहते हैं कि देश में तनाव कम हो और हत्या के बारे में कूटनीतिक बातचीत हो, जो 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर हुई थी।

कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा पिछले महीने निज्जर की हत्या में भूमिका निभाने का आरोप लगाने के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आ गई, जिसके कारण राजनयिकों को निष्कासित कर दिया गया और नई दिल्ली ने आरोपों को "बेतुका" बताया। लगभग चार में से एक उत्तरदाता ने कहा कि वे चाहते हैं कि कनाडा आरोपों की आगे जांच करे, और 10 में से एक (11 प्रतिशत) ने कहा कि वे चाहते हैं कि कनाडा "धैर्य रखे" और अभी कुछ न करे।

ब्रिटिश कोलंबिया की तुलना में क्यूबेक प्रांत के निवासियों के यह कहने की संभावना अधिक है कि वे चाहते हैं कि कनाडा तनाव कम करने वाले उपायों (65 प्रतिशत) में शामिल हो, जहां 50.3 प्रतिशत ने राजनयिक वार्ता को चुना। तीन-चौथाई कनाडाई लोगों ने कहा कि वे (47 प्रतिशत) या कुछ हद तक (27 प्रतिशत) ट्रूडो के इस बयान पर विश्वास करते हैं कि उन्हें ऐसी खुफिया जानकारी मिली है जो निज्जर की हत्या में भारत को शामिल करती है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि लगभग पांच में से एक ने कहा कि वे (10 प्रतिशत) या कुछ हद तक (आठ प्रतिशत) प्रधान मंत्री ट्रूडो पर विश्वास नहीं करते हैं। इसमें 1,058 कनाडाई लोगों का नमूना लिया गया था।

18-34 वर्ष आयु वर्ग के बीच के युवा कनाडाई (69 प्रतिशत) की तुलना में 55 वर्ष से अधिक आयु के 79 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने प्रधान मंत्री ट्रूडो के बयान पर विश्वास करने या कुछ हद तक विश्वास करने की अधिक संभावना जताई। रिपोर्ट में कहा गया है कि कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जोली ने राजनयिक विवाद को सुलझाने के लिए पिछले महीने वाशिंगटन में विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ एक गुप्त बैठक की थी। जोली ने बुधवार को कहा कि जब बातचीत निजी रहती है तो कूटनीति हमेशा बेहतर होती है, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जब भारत की बात होगी तो वह यही दृष्टिकोण अपनाती रहेंगी। गौरतलब है‍ कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख निज्जर भारत में आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े होने और कनाडा में खालिस्तान जनमत संग्रह का नेतृत्व करने के आरोप में वांछित था। उसे 2020 में आतंकवादी के रूप में नामित किया गया था।