नई दिल्ली। यदि आप बोतलबंद पानी के व्यवसाय से जुड़े तो सावधान हो जाइये क्योंकि 1 अप्रैल से बोलतबंद पानी बेचना अब आसान नहीं होगा। इस संबंध में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने नियमों बड़ा फेरबदल कर दिया है। FSSAI ने बोतलबंद पानी और मिनरल वॉटर निर्माताओं के लिए कुछ प्रमाण पत्रों को अनिवार्य कर दिया है, यदि ये प्रमाण-पत्र विक्रेता के पास नहीं है तो बिक्री की अनुमति नहीं होगी। मिली मिली जानकारी के अनुसार भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने बोतलबंद पानी और मिनरल वाटर निर्माताओं के लिए लाइसेंस हासिल करने या पंजीकरण की खातिर भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) का प्रमाणन अनिवार्य कर दिया है। सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों को भेजे पत्र में एफएसएसएआइ ने यह निर्देश दिया है। यह निर्देश एक अप्रैल, 2021 से लागू होगा। एफएसएसएआई ने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2008 के तहत सभी खाद्य कारोबार परिचालकों (एफबीओ) के लिए किसी खाद्य कारोबार को शुरू करने से पहले लाइसेंस/रजिस्ट्रेशन हासिल करना अनिवार्य होगा। नियामक ने कहा कि खाद्य सुरक्षा और मानक (प्रतिबंध एवं बिक्री पर अंकुश) नियमन, 2011 के तहत कोई भी व्यक्ति बीआइएस प्रमाणन चिह्न के बाद ही बोतलबंद पेयजल या मिनरल वाटर की बिक्री कर सकता है।
बीआइएस सर्टिंफिकेशन मार्क अब अनिवार्य
एफएसएसएआई ने कहा कि पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर और मिनरल वाटर बनाने वाली कई कंपनियां एफएसएसएआई के लाइसेंस पर काम कर रही हैं। लेकिन उनके पास बीआइएस सर्टिंफिकेशन मार्क नहीं है। इसे देखते एफएसएसएआई के लाइसेंस के लिए बीआईएस लाइसेंस या आवेदन को अनिवार्य बना दिया गया है।