Home विदेश हमास की नापाक जुर्रत, गाजा तरसेगा बूंद- बूंद पानी को

हमास की नापाक जुर्रत, गाजा तरसेगा बूंद- बूंद पानी को

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जेरूसलम

इजरायल पर हमास के हमले के बाद युद्ध भीषण रूप लेता जा रहा है. पांच दिन पहले हमास के लड़ाकों ने इजरायल में घुसकर जो आतंक मचाया, उसका खामियाजा गाजा के आम नागरिक भुगत रहे हैं. हालात यह हैं कि इजरायल की जवाबी कार्रवाई में गाजा को चारों तरफ से घेर लिया गया है. ताबड़तोड़ बमबाजी की जा रही है. बॉर्डर पर नाकेबंदी किए जाने से गाजा में खाने से लेकर बिजली और पानी का संकट खड़ा हो गया है. अब इजरायल की सरकार ने साफ किया है कि वो गाजा के नागरिकों को तब तक राहत नहीं देगा, जब तक उसके अपहृत नागरिकों को छोड़ नहीं दिया जाता है. दुनिया हमें नैतिकता का उपदेश ना दे.

बता दें कि 11 अक्टूबर को फिलिस्तीन के हमास लड़ाकों ने अचानक इजरायल में घुसपैठ कर दी थी. वहां सैनिकों और आम नागरिकों को मार डाला था. बड़ी संख्या में लोगों को बंधक बना लिया और अगवा कर गाजा ले गए थे. हमास के हमले के जवाब में इजरायल ने युद्ध की घोषणा की और गाजा को बमों से पाट दिया था. वहां पांच दिन से लगातार रॉकेट और मिसाइलें छोड़ी जा रही हैं. इजरायल की कार्रवाई से गाजा बुरी तरह घिर गया है. ऐसे में हमास के लड़कों ने दो दिन पहले धमकी दी थी कि अगर इजरायल ने गाजा में बमबाजी नहीं रोकी तो वो अपहृत कर लाए गए इजरायली नागरिकों को एक-एक कर फांसी देगा और इसकी लाइव स्ट्रीमिंग कर दुनिया को दिखाएगा.

'पहले इजरायल के अपहृत नागरिकों को लौटाएं'

हालांकि, हमास की इस धमकी का कोई असर नहीं पड़ा है और इजरायल की तरफ से लगातार फिलिस्तानी क्षेत्र में हमला किया जा रहा है. अब गुरुवार को इजरायल सरकार की तरफ से बड़ा बयान आया है. बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार में ऊर्जा मंत्री इजराइल काट्ज ने कहा है कि जब तक हमास के हमले के दौरान अपहृत लोगों को घर नहीं लौटाया जाता, तब तक गाजा को बिजली और पानी की आपूर्ति नहीं की जाएगी.

'हमें मानवता का पाठ ना पढ़ाएं'

दरअसल, गाजा को मानवीय सहायता दिए जाने को लेकर सवाल किए जा रहे हैं.? इस पर काटज ने एक्स पर पोस्ट लिखकर साफ किया है कि जब तक इजरायली अपहृतों की घर वापसी नहीं हो जाती है, तब तक बिजली का स्विच चालू नहीं किया जाएगा, ना पानी का पंप खोला जाएगा. कोई फ्यूल ट्रक भी गाजा बॉर्डर से प्रवेश नहीं करेगा. इसके अलावा, मानवता दिखाने पर भी काट्ज ने दुनिया को खरी-खरी सुनाई. उन्होंने कहा- मानवतावादी के लिए मानवतावाद. लेकिन कोई भी हमें नैतिकता का पाठ ना पढ़ाए.