भाषा प्रबोधक की सहायता से आरोपियों की गिरफ्तारी
पेंड्रा। मूकबधिर युवती को अगवा कर उसे बांधकर बलात्कार करने वाले पांच आरोपियों को गौरेला के एडीजे कोर्ट ने 25-25 साल की करावास की सजा सुनाई है। पीड़िता की पीड़ा को देखते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने ढाई लाख रुपये की प्रतिकर राषि दिए जाने का आदेश दिया है।
दरअसल, 25 अगस्त 2019 को मरवाही के रटगा गांव में बाजार गई एक ग्रामीण मूक-बधिर युवती का राजाडीह गांव के रहने वाले पांच आरोपियों ने रेप किया था। आरोपियों में संजीव कुजूर, सूरजदास, मिथुन सुखसेन कुजूर, कृष्ण कुमार, और गौरीशंकर उरांव जबरदस्ती बाइक पर बैठाकर ले गए थे और हांथ-पैर बांधकर बलात्कार किया था।
भाषा प्रबोधक की सहायता से आरोपियों की गिरफ्तारी
मूकबधिर ने अपनी बुआ से इशारों में बात कर घटना कि जानकारी दी थी। मरवाही थाने में अपराध दर्ज किया गया था। मरवाही पुलिस ने कुछ संदेहियों को गिरफ्तार किया, पीड़िता मूक-बधिर थी। इसलिए बिलासपुर से भाषा प्रबोधक को बुलाया गया। भाषा प्रबोधक की सहायता से पुलिस ने आरोपियों की पहचान की पांचों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
पांचों आरोपियों को 25-25 साल की सजा
इस मामले में गौरेला अपर सत्र न्यायाधीश विनय कुमार प्रधान ने सभी पांचों आरोपियों को भादवि की धारा 376 के तहत 25-25 साल की सश्रम कारावास और पांच हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई। धारा 366 के तहत 10 साल की सजा और 1000 का अर्थदंड, धारा 342 के अपराध में एक साल की सजा और 500 का अर्थदंड सुनाई।
अंतिम रूप से समुचित प्रतिकर दिए जाने के निर्देश
मूकबधिर की पीड़ा को देखते जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने ढाई लाख रूपये अन्तरिम प्रतिकर के रूप में दिए जाने का आदेश भी दिया है। इसमें पीड़िता की शारीरिक और मानसिक पीड़ा को देखते हुए उसके पुर्नवास के लिए पीड़ित प्रतिकर योजना के अन्तर्गत धारा 357-क के प्रावधान के तहत उसे अंतिम रूप से समुचित प्रतिकर दिए जाने के निर्देश दिए हैं।