मुंगेली/ मुंगेली में निर्माण कार्यो में भ्रष्टाचार कर अधिकारियों और ठेकेदारों ने लूट मचा रखी हैं, जिससे मुंगेलीवासियों को शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं, यही हाल मनियारी जल संसाधन विभाग मुंगेली का हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार मनियारी जल संसाधन विभाग मुंगेली के अंतर्गत चातरखार से टेमरी तक आगर व्यपवर्तन योजना के तहत लगभग 15 करोड़ 59 लाख 38 हजार रूपये का सीसी लाईनिंग का निर्माण कार्य किया जा रहा है, इस लाईनिंग कार्य का कार्यादेश जून 2017 में जारी किया गया था और अनुबंध के आधार पर 11 महिने में यह कार्य पूरा कर दिया जाना था, परंतु अभी 4 वर्ष होने को आये हैं और यह कार्य पूर्ण नहीं हुआ है, साथ ही अभी तक यह निर्माण कार्य जारी है। जानकारी के अनुसार यह कार्य 4 भागों में हो रहा है, इस लाईनिंग कार्य में ठेकेदार द्वारा भारी भ्रष्टाचार और अनियमिततायें की जा रही है निर्माण कार्य में गुणवक्ता की अनदेखी की गई है जिसके कारण पूरे लाईनिंग कार्य में जगह-जगह बड़ी दरारें एवं गढ्ढे हो गये है, जिसे हल्की छबाई कर भ्रष्टाचार को छिपाने लीपापोती करने का प्रयास किया गया है, और यह लीपापोती स्पष्ट दिख रहा है। यह वहीं लाईनिंग निर्माण कार्य हैं जहाँ भ्रष्टाचार का बीज बोया जा रहा हैं यह मुंगेली मनियारी जल संसाधन सब डिवीजन में आता हैं इस क्षेत्र के SDO द्वारा भी किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नही की जा रही हैं, जो कि मनियारी संभाग में दशकों से पदस्थ हैं, भ्रष्टाचार देख ऐसा लगता हैं मानों उनके द्वारा फील्ड वर्क, निरीक्षण नहीं किया जाता और उनके एवं इंजीनियर के द्वारा उक्त निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर कोई प्रतिक्रिया नजर नहीं आती क्योंकि पूर्व में भी कई बार इस भ्रष्टाचार के संबंध में समाचार प्रकाशित किये जा चुके हैं।यह निर्माण कार्य चलते में ही जो मरम्मत कार्य की जा रही है इससे भ्रष्टाचार का होना सिद्ध हो रहा है इस लाईनिंग निर्माण कार्य में किये जा रहे भ्रष्टाचार से भूपेश सरकार की बदनामी हो रही है साथ ही शासन एवं जनता के रूपये का अधिकारियों एवं ठेकेदारों द्वारा भ्रष्टाचार कर दुरूपयोग किया जा रहा है। जबकि मुंगेली कलेक्टर पीएस. एल्मा अधिकारियों की बैठक में गुणवत्तापूर्ण कार्य करने के निर्देश दिए थे। मनियारी सिंचाई विभाग द्वारा कराए जा रहे सीसी लाईनिंग में भ्रष्टाचार की लिखित शिकायत मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग छत्तीसगढ़ और मुंगेली कलेक्टर से करते हुए कहा कि उक्त कार्य की सूक्ष्म जांच हेतु एक विशेष जांच दल का गठन किया जाये, जो इस कार्य की गुणवक्ता की जांच करें। साथ ही उक्त निर्माण कार्यों के ठेकेदार का भुगतान रोका जाये। अब देखना हैं कि इस मामले में उच्चाधिकारियों द्वारा क्या कार्यवाही की जाती हैं ? मनियारी जल संसाधन विभाग में लंबे समय से कार्य करने वाले कई भ्रष्ट ठेकेदारों पर कोई कार्यवाही न होने से उनके हौसलें बुलंद हो गए हैं साथ ही भ्रष्ट अधिकारियों और ठेकेदारों के कई दलाल उन्हें संरक्षण देने व बचाने सक्रिय हो गए हैं, जिन्हें विभागों में मंडराते देखा जा सकता हैं।