नई दिल्ली
केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला मंगलवार को कोच्चि में 16वीं कृषि विज्ञान कांग्रेस (एएससी) का उद्घाटन करेंगे। प्रसिद्ध कृषि अर्थशास्त्री, वैज्ञानिक, नीति निर्माता, शिक्षाविद, किसान और उद्यमी इसमें भाग लेने के लिए आज मंगलवार (10 अक्टूबर) से चार दिनों के लिए जुटेंगे। इनमें देश और विदेश से 1500 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे।
एएससी का प्राथमिक उद्देश्य आने वाली पीढ़ियों के लिए इसके लाभ को सुविधाजनक बनाने के लिए भारत की कृषि-खाद्य प्रणालियों को टिकाऊ उद्यमों में बदलने के बारे में एक वैज्ञानिक चर्चा उत्पन्न करना है। राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी (एनएएएस) द्वारा आयोजित कृषि विज्ञान कांग्रेस पहली बार केरल में आयोजित की जा रही है, जिसकी मेजबानी आईसीएआर-केंद्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान (सीएमएफआरआई) द्वारा की जा रही है।
कांग्रेस 10 विषयगत क्षेत्रों पर चर्चा करेगी, जिसमें कृषि और संबद्ध क्षेत्रों से संबंधित सभी मुद्दे और भूमि और पानी, कृषि उत्पादन प्रणाली, उत्पाद, कृषि मशीनरी, जलवायु कार्रवाई, अर्थशास्त्र, नवीकरणीय या वैकल्पिक ऊर्जा, सटीक खेती, वैकल्पिक कृषि प्रणाली पर स्थिरता के मुद्दे शामिल हैं।
विश्व बैंक के प्रमुख अर्थशास्त्री डॉ. मधुर गौतम सहित ख्यातिलब्ध विशेषज्ञों की इस श्रृंखला में भारत बायोटेक के सीएमडी डॉ. कृष्णा एला, कृषि लागत और मूल्य आयोग के अध्यक्ष डॉ. विजय पॉल शर्मा, टाटा कॉर्नेल इंस्टीट्यूट के संस्थापक निदेशक डॉ. प्रभु पिंगली, एफएओ से डॉ. ऋषि शर्मा, और डॉ. कदम्बोत सिद्दीकी विभिन्न सत्रों का नेतृत्व करेंगे।
यहां पर एक व्यापक एजेंडे के साथ 16वीं कृषि विज्ञान कांग्रेस (एएससी) में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियों के पांच पूर्ण व्याख्यान होंगे। कांग्रेस तीन पैनल चर्चाओं और चार संगोष्ठियों की भी मेजबानी करेगी, जिसमें तटीय कृषि और आजीविका, बाजरा को मुख्यधारा में लाना और युवा सशक्तीकरण और लैंगिक समानता सहित कई विषयों को शामिल किया जाएगा। इसका मुख्य आकर्षण किसान-वैज्ञानिक इंटरफ़ेस सत्र होगा, जो कृषक समुदाय और प्रमुख शोधकर्ताओं के बीच ज्ञान और अनुभवों के सीधे आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करेगा।