रायपुर .
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय से संबंधित कालेजों में संचालित बीएससी एग्रीकल्चर में 493 सीटें खाली हैं। वहीं श्रीवासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेज पर बीटेक फूड टेक्नालाजी की 60 सीटें हैं, जिनमें सिर्फ 10 सीटों पर छात्रों ने प्रवेश लिया है, अभी भी 50 सीटें खाली हैं।
खाली सीटों में प्रवेश के लिए पहली बार प्री-एग्रीकल्चर टेस्ट (पीएटी) नहीं देने वाले छात्रों को भी प्रवेश दिया जाएगा। बीएससी एग्रीकल्चर और बीटेक फूड टेक्नोलाजी में प्रवेश 12वीं के आधार पर दिया जाएगा। खाली सीटों के लिए प्राप्त आवेदनों पर पीएटी देने वाले छात्र को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद 12वीं उत्तीर्ण छत्तीसगढ़ के मूल निवासी को प्रवेश दिया जाएगा। इसके बाद बची हुई खाली सीटों में दूसरे राज्य के छात्र प्रवेश ले सकेंगे। बीएससी एग्रीकल्चर में प्रवेश के लिए आवेदन करने का सोमवार अंतिम दिन है।
संस्था स्तर पर काउंसलिंग के बाद भी सीटें खाली
आइजीकेवी के संबद्ध कालेजों में दो चरणों की काउंसलिंग के बाद 27 सितंबर तक संस्था स्तर पर काउंसलिंग करके छात्रों को प्रवेश दिया गया। इसके बावजूद बड़ी संख्या में सीटें खाली रह गई हैं। प्रदेश में 25 सरकारी और नौ निजी कालेजों में बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई होती है। सरकारी कालेजों में भी सीटें खाली रह गई हैं, लेकिन निजी कालेजों में खाली सीटों की संख्या ज्यादा है। बारहवीं उत्तीर्ण दूसरे प्रदेश के छात्रों को खाली सीटों में प्रवेश 15 अक्टूबर से दिया जाएगा। प्रवेश से संबंधित अधिक जानकारी के लिए विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.igkv.ac.in पर जाकर देख सकते हैं।
बीटेक डेयरी टेक्नोलाजी के लिए आफलाइन प्रवेश आज
दुग्ध विज्ञान एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय प्रवेश के लिए छात्रों को एक और मौका दिया जा रहा है। गणित, भौतिकी और रसायन विज्ञान विषय के साथ 12वीं उत्तीर्ण छात्र-छात्राएं नौ अक्टूबर को साढ़े नौ बजे तक सीधे कालेज पहुंचकर चार वर्षीय पाठ्यक्रम बीटेक (डेयरी टेक्नोलाजी) में प्रवेश ले सकते हैं। बीटेक(डेयरी टेक्नोलाजी) पाठ्यक्रम में प्रवेश प्री-इंजीनियरिंग टेस्ट (पीईटी) के जरिए होता है। पीईटी प्रवेश परीक्षा में शामिल छात्रों को अलग-अलग दो चरणों में प्रवेश दिया गया।
दो चरणों की प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने तक कालेज में निर्धारित 60 सीटों में महज 10 छात्रों ने ही प्रवेश लिया है। बड़ी संख्या में सीटें खाली रहने की वजह से 12 वीं पास छात्रों को बीटेक में सीधे प्रवेश देने का निर्देश जारी किया गया। छत्तीसगढ़ के अलावा दूसरे राज्यों के छात्रों को भी प्रवेश दिया जाएगा। अभी तक चल रही प्रवेश प्रक्रिया के तहत सिर्फ प्रदेश के ही छात्रों को प्रवेश दिया गया है। प्रवेश पहले आओ-पहले पाओ की तर्ज पर दिया जाएगा। दुग्ध विज्ञान एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के डीन डा. एके त्रिपाठी ने बताया कि मध्य भारत का एक मात्र कालेज है। पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडिशा राज्य में कालेज नहीं है। देशभर में सिर्फ नौ कालेज हैं।
वर्तमान में 138 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत
वर्तमान समय में कालेज में 138 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। चार वर्षीय पाठ्यक्रम में द्वितीय वर्ष में 32, तृतीय वर्ष में 49 और अंतिम वर्ष में 57 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। कालेज में 20 प्रतिशत सीटों में प्रवेश राष्ट्रीय स्तर पर दिया जाता है। इस लिहाजा से बी-टेक (डेयरी टेक्नोलाजी) में 72 सीटें हैं, लेकिन पिछले कई वर्षों से सीटें भरी नहीं हैं।