टोंरटो
भारत और कनाडा में जारी कूटनीतिक गतिरोध के बीच यहां एक प्रमुख विश्वविद्यालय ने छात्र समुदाय को आश्वस्त किया और उनके हित में काम करने की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि भारत द्वारा वीजा प्रक्रिया निलंबित किए जाने से आपसी संपर्क बाधित होगा। टोरंटो यूनिवर्सिटी के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रोफेसर जोसेफ वोंग ने यहां कहा, ‘‘हम जानते हैं कि टोरंटो विश्वविद्यालय समुदाय के कई सदस्य कनाडा और भारत की सरकारों के बीच संबंधों पर चिंताजनक रूप से नजर रखे हुए हैं। स्थिति तेजी से बदल रही है, जिससे अनिश्चितता और तनाव पैदा हो रहा है। हमारे पास अभी तक कई गंभीर सवालों के जवाब नहीं हैं।''
वोंग ने कहा कि टोरंटो विश्वविद्यालय को ‘‘भारत के 2,400 से अधिक छात्रों का घर होने पर गर्व है, जो हमारी कक्षाओं और कैंपस जीवन को समृद्ध बनाते हैं'' तथा कई और छात्रों, संकाय सदस्यों, पुस्तकालय कर्मियों और पूर्व छात्रों के भारत से रिश्ते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने समुदाय के सभी प्रभावित सदस्यों और खासतौर से अंतरराष्ट्रीय छात्रों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि आपका यहां स्वागत है और हम आपके कुशलक्षेम का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'' वोंग ने कहा कि विश्वविद्यालय भारत के साथ अपनी ‘‘दीर्घकालीन साझेदारी'' के प्रति प्रतिबद्ध है, जो विभिन्न क्षेत्रों में अकादमिक सहयोग का समर्थन करती है और अपने छात्रों के सीखने के लिए अमूल्य वैश्विक अवसर मुहैया कराती है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम स्थानीय और वैश्विक स्तर पर बदलाव लाने के हमारे पारस्परिक लक्ष्य के अनुरूप इन संबंधों को जारी रखने और गहरा करने के लिए तत्पर हैं। अल्पावधि में कनाडा के यात्रियों के लिए वीजा प्रक्रिया के निलंबन से आपसी संपर्क में बाधा आएगी, लेकिन हम ऑनलाइन संपर्क के जरिये इन संबंधों का निर्माण करते रहेंगे।'' वोंग ने कहा कि विश्वविद्यालय भारत और कनाडा के बीच बदलते रिश्तों का टोरंटो विश्वविद्यालय समुदाय पर पड़ने वाले असर पर नजर बनाए रखेगा और ‘‘जैसे-जैसे हमें जानकारियां मिलती जाएंगी, हम सूचना देते रहेंगे।''
ट्रूडो के आरोप के बाद खड़ी हुई मुश्किलें
जून में खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की भूमिका संबंधी कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोप के बाद भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक गतिरोध पैदा हो गया है। इस विवाद के बीच भारत ने पिछले सप्ताह कनाडा से नयी दिल्ली में अपने राजनयिकों की संख्या कम करने के लिए कहा था।
भारत ने कहा कि कनाडा को संख्या में समानता हासिल करने के लिए देश में अपनी राजनयिक उपस्थिति कम करनी चाहिए और आरोप लगाया कि कनाडा के कुछ राजनयिक नयी दिल्ली के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने में शामिल हैं। भारत ने कनाडा में अपनी वीजा सेवाओं को भी ‘‘अगले आदेश तक निलंबित'' कर दिया है। वैश्विक शिक्षा उद्योग के लिए एक बाजार सूचना संसाधन ‘आईसीईएफ मॉनिटर' के अनुसार, दिसंबर 2022 के अंत तक 3,20,000 भारतीय छात्रों के पास कनाडा में पढ़ाई का परमिट था।