नई दिल्ली। कोरोना संक्रमितों की संख्या के हिसाब से भारत दुनिया का तीसरा सबसे प्रभावित देश है। रिकवरी दुनिया में अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा भारत में हुई है। मौत के मामले में अमेरिका, ब्राजील और मैक्सिको के बाद भारत का नंबर है। एक्टिव केस के मामले में भारत दुनिया में 7वें स्थान पर है।
देश में सवा पांच करोड़ से ज्यादा कोरोना वैक्सीन की डोज दिए जाने के बावजूद संक्रमण का प्रकोप थम नहीं रहा है। हर दिन रिकॉर्ड तोड़ कोरोना केस दर्ज किए जा रहे हैं। अब पांच महीने (153 दिन) बाद रिकॉर्ड पहली बार 53 हजार से ज्यादा कोरोना केस आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 53,476 नए कोरोना केस आए और 251 लोगों की जान चली गई है। हालांकि 26,490 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं. इससे पहले 23 अक्टूबर 2020 को 53,370 कोरोना केस दर्ज किए गए थे। भारत में अब कुल मामले एक करोड़ 17 लाख 87 हजार 534 के पार पहुँच चुके है। वहीँ अब तक करीब एक करोड़ 12 लाख 31 हजार 650 लोग ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके है। मौजूदा स्थिति में देश में करीब तीन लाख 95 हजार 192 केस एक्टिव है। अब तक कुल 5 करोड़ 31 लाख कोरोना वैक्सीन की डोज दी गई है।
एक समय ऐसा था जब देश में कोरोना संक्रमण की संख्या घटने लगी थी। इस साल 1 फरवरी को 8,635 नए कोरोना केस दर्ज किए गए थे। एक दिन में कोरोना मामलों की ये संख्या इस साल सबसे कम है। सबसे ज्यादा केस सितंबर 2021 में दर्ज किए जा रहे थे।
10 जिलों में स्थिति बेहद खराब
हेल्थ मिनिस्ट्री ने बताया है कि देश के दस जिलों में कोरोना के सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं। ये 10 जिले हैं- पुणे, नागपुर, मुंबई, थाने, नासिक, औरंगाबाद, बेंगलुरु, अर्बन नांदेड़, जलगांव और अकोला। महाराष्ट्र में 9 जिले हैं और एक कर्नाटक का जिला है जहां सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं। दो राज्यों महाराष्ट्र और पंजाब में लगातार केस बढ़ रहे हैं। इन दोनों के अलावा गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और चंडीगढ़ में केस तेजी से बढ़ रहे हैं।
देश में भारत ने बुधवार को कोरोना टीकाकरण के 68वें दिन तक कुल पांच करोड़ 31 लाख वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। बीते दिन कुल 23.03 लाख वैक्सीन डोज दी गई। 20 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं जहां 92 फीसदी हैल्थकेयर वर्करों को पहला डोज दे दिया है। वहीं दस राज्य ऐसे हैं जहां 100 फीसदी हैल्थकेयर वर्करों को पहली डोज दे दी है। 11 राज्य ऐसे हैं जिन्होंने 90 फीसदी से ज्यादा फ्रंटलाइन वर्करों का पहला डोज दे दिया है। वहीं 9 राज्य ऐसे है जहां 80 फीसदी फ्रंटलाइन वर्करों को दूसरा डोज दे दिया है।