मॉस्को.
यूरोपीय देश स्लोवाकिया में आम चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और जो परिदृश्य बन रहा है, उसके मुताबिक स्लोवाकिया में गठबंधन सरकार बनेगी और रॉबर्ट फिको के नेतृत्व में अगली सरकार बन सकती है। गौरतलब है कि रॉबर्ट फिको को रूस समर्थक माना जाता है और अपने चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने एलान भी किया था अगर उनकी सरकार बनी तो वह यूक्रेन को दी जा रही सैन्य मदद के बंद कर देंगे।
बता दें कि पूर्व पीएम और लोकप्रिय नेता रॉबर्ट फिको की वामपंथी पार्टी स्मेर या डायरेक्शन पार्टी को आम चुनाव में 22.9 प्रतिशत वोट मिले हैं। ऐसे में स्मेर पार्टी को 150 सांसदों वाली स्लोवाकिया की संसद में 42 सीटें मिलेंगी। अगर स्मेर पार्टी गठबंधन बनाने में सफल रही तो रॉबर्ट फिको (59 वर्षीय) चौथी बार स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री बन सकते हैं। स्लोवाकिया की राष्ट्रपति जुजाना कापुतोवा अमेरिका की समर्थक मानी जाती हैं और रॉबर्ट फिको उन पर अमेरिकी एजेंट होने का आरोप भी लगा चुके हैं। इसके चलते राष्ट्रपति कापुतोवा ने रॉबर्ट फिको के खिलाफ मुकदमा दायर किया है।
इन पार्टियों का मिल सकता है फिको को समर्थन
फिको के पूर्व सहयोगी और वामपंथी हलास (वॉइस) पार्टी के मुखिया पीटर पेलेग्रनी को 14.7 प्रतिशत वोट मिले हैं। 2020 के चुनाव में एक विवाद के चलते पीटर ने फिको से नाता तोड़ लिया था। अब अनुमान लगाया जा रहा है कि वह रॉबर्ट फिको को समर्थन दे सकते हैं। इनके अलावा एक और रूस समर्थक पार्टी स्लोवाक नेशनल पार्टी ने 10 सीटें जीती हैं और कंजरवेटिव क्रिश्चियन डेमोक्रेट्स पार्टी ने 12 सीटों पर जीत दर्ज की है।
अमेरिका समर्थक पार्टी भी सरकार बनाने की रेस में
रॉबर्ट फिको को प्रोग्रेसिव स्लोवाकिया पार्टी से टक्कर मिल सकती है। बता दें कि यह पार्टी पश्चिम समर्थक मानी जाती है और इस पार्टी ने 18 प्रतिशत यानी कि 32 सीटों पर जीत दर्ज की है। यह आम चुनाव में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। अगर रॉबर्ट फिको गठबंधन बनाने में नाकामयाब रहते हैं तो प्रोग्रेसिव स्लोवाकिया पार्टी सरकार बना सकती है। स्लोवाकिया का चुनाव यूक्रेन युद्ध के लिए लिहाज से भी अहम है और रॉबर्ट फिको की सरकार बनने से यूरोपीय यूनियन और नाटो के बीच की एकता भी प्रभावित हो सकती है।