नई दिल्ली
सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लि. (सीआईएल) का कोयला उत्पादन सितंबर में सालाना आधार पर 12.6 प्रतिशत बढ़कर 5.14 करोड़ टन पर पहुंच गया। इससे पिछले साल के समान महीने में कंपनी ने 4.57 करोड़ टन कोयले का उत्पादन किया था।
बीएसई को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में उसका उत्पादन 11.3 प्रतिशत बढ़कर 33.29 करोड़ टन हो गया, जो एक साल पहले समान अवधि में 29.9 करोड़ टन था।
सितंबर में सीआईएल का कोयला उठाव 12.6 प्रतिशत बढ़कर 5.51 करोड़ टन रहा, जो पिछले वित्त वर्ष के इसी महीने में 4.89 करोड़ टन था।
अप्रैल-सितंबर की अवधि में महारत्न कंपनी का कोयला उठाव भी 8.6 प्रतिशत बढ़कर 36.07 करोड़ टन हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 33.2 करोड़ टन था। घरेलू कोयला उत्पादन में कोल इंडिया का योगदान 80 प्रतिशत से अधिक है।
टीवीएस मोटर की बिक्री सितंबर में छह प्रतिशत बढ़कर 4,02,553 इकाई पर
नई दिल्ली
टीवीएस मोटर कंपनी की कुल बिक्री सितंबर में सालाना आधार पर छह प्रतिशत बढ़कर 4,02,553 इकाई पर पहुंच गई। कंपनी ने सितंबर, 2022 में डीलरों को 3,79,011 वाहन भेजे थे।
कंपनी ने बयान में कहा कि उसकी कुल दोपहिया वाहनों की बिक्री पिछले महीने सात प्रतिशत बढ़कर 3,86,955 इकाई पर पहुंच गई, जो सितंबर, 2022 में 3,61,729 इकाई थी। घरेलू बाजार में कंपनी की बिक्री छह प्रतिशत बढ़कर 2,83,878 इकाई से 3,00,493 इकाई हो गई।
निर्यात के मोर्चे पर, कंपनी ने कहा कि सितंबर में उसने 1,00,294 वाहनों का निर्यात किया। एक साल पहले समान महीने में निर्यात का आंकड़ा 86,462 इकाई रहा था। समीक्षाधीन महीने में कंपनी का दोपहिया निर्यात बढ़कर 86,462 इकाई हो गया, जो सितंबर, 2022 में 77,851 इकाई था।
हालांकि, सितंबर में कंपनी की तिपहिया बिक्री घटकर 15,598 इकाई रह गई, जो पिछले साल इसी महीने में 17,282 इकाई थी।
डीजल की बिक्री सितंबर में तीन प्रतिशत घटी, पेट्रोल की मांग 5.4 प्रतिशत बढ़ी
नई दिल्ली
कमजोर मांग और देश के कुछ हिस्सों में औद्योगिक गतिविधियां सुस्त पड़ने से डीजल की बिक्री सितंबर में तीन प्रतिशत घटी है। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों के शुरुआती आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
सितंबर में सार्वजनिक क्षेत्र की तीनों.. पेट्रोलियम कंपनियों की डीजल बिक्री घटी है। हालांकि, पेट्रोल की बिक्री में बढ़ोतरी हुई है।
देश में सबसे ज्यादा खपत वाले ईंधन डीजल की बिक्री सितंबर में घटकर 58.1 लाख टन रह गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 59.9 लाख टन थी।
सितंबर के पहले पखवाड़े में डीजल की मांग में पांच प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई, जबकि बारिश कम होने से दूसरे पखवाड़े में डीजल की मांग बढ़ी।
मासिक आधार पर डीजल की बिक्री ढाई प्रतिशत अधिक रही है। अगस्त में डीजल की बिक्री 56.7 लाख टन रही थी।
आमतौर पर मानसून के दौरान डीजल की बिक्री घट जाती है, क्योंकि बारिश के कारण कृषि क्षेत्र की मांग कम रहती है। कृषि क्षेत्र में सिंचाई, कटाई और परिवहन के लिए ईंधन के रूप में डीजल का इस्तेमाल होता है।
अप्रैल और मई में डीजल की खपत क्रमश 6.7 प्रतिशत और 9.3 प्रतिशत बढ़ी थी, क्योंकि उस समय कृषि क्षेत्र की मांग अच्छी रही थी। इसके अलावा गर्मियों की वजह से कारों में एयर कंडीशनर का इस्तेमाल बढ़ा था।
आंकड़ों के अनुसार, सितंबर में पेट्रोल की बिक्री पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 5.4 प्रतिशत बढ़कर 28 लाख टन हो गई। अगस्त में पेट्रोल की मांग में वृद्धि लगभग स्थिर रही है।
सितंबर में मासिक आधार पर पेट्रोल की मांग 5.6 प्रतिशत बढ़ी है।
उद्योग सूत्रों का कहना है कि स्थिर और स्वस्थ आर्थिक गतिविधियों और हवाई यात्रा में सुधार के साथ साल के शेष महीनों में देश में तेल की मांग ऊंची बनी रहेगी।
सितंबर में पेट्रोल की खपत कोविड-प्रभावित सितंबर, 2021 की तुलना में 19.3 प्रतिशत अधिक रही और महामारी-पूर्व की अवधि यानी सितंबर, 2019 की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक रही।
डीजल की खपत सितंबर, 2021 की तुलना में 19 प्रतिशत और सितंबर, 2019 की तुलना में 11.5 प्रतिशत अधिक रही।
हवाई अड्डों पर यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ने के बीच विमान ईंधन एटीएफ की मांग सितंबर में 7.5 प्रतिशत बढ़कर 5,96,500 टन पर पहुंच गई। सितंबर, 2021 की तुलना में यह 55.2 प्रतिशत अधिक रही। वहीं कोविड-पूर्व यानी सितंबर, 2019 की तुलना में यह 3.55 प्रतिशत कम रही।
मासिक आधार पर जेट ईंधन की मांग सितंबर में स्थिर रही। अगस्त, 2023 में विमान ईंधन की मांग 5,99,100 टन रही थी।
रसोई गैस यानी एलपीजी की बिक्री सितंबर में सालाना आधार पर छह प्रतिशत बढ़कर 26.7 लाख टन पर पहुंच गई। सितंबर, 2021 की तुलना में एलपीजी की खपत 11.4 प्रतिशत और कोविड-पूर्व की अवधि यानी सितंबर, 2019 की तुलना में 23.3 प्रतिशत अधिक रही।
मासिक आधार पर एलपीजी की मांग 7.3 प्रतिशत बढ़ी। अगस्त में एलपीजी की मांग 24.9 लाख टन रही थी।