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आज बेंगलुरु बंद, सरकार बोली- प्रदर्शन नहीं रोकेंगे

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 बेंगलुरु

पड़ोसी राज्य तमिलनाडु को कावेरी नदी का पानी छोड़े जाने के खिलाफ कर्नाटक में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच इस सप्ताह दो बंद का आह्वान किया गया है। पहला बंद मंगलवार को बेंगलुरु में और दूसरा राज्यव्यापी बंद शुक्रवार को होगा। इस दौरान बस और कैब सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। हालांकि, रेस्त्रां और होटल खुले रहेंगे। सोमवार को कन्नड़ कार्यकर्ता वतल नागराज के नेतृत्व वाले 'कन्नड़ ओक्कुटा' के बैनर तले 29 सितंबर को कर्नाटक बंद की घोषणा की गई। इससे कुछ दिन पहले किसान नेता कुरुबुरु शांताकुमार के नेतृत्व में किसान संघों और अन्य संगठनों के एक प्रमुख संगठन 'कर्नाटक जल संरक्षण समिति' ने मंगलवार को बेंगलुरु बंद का आह्वान किया था। दोनों बंद किसानों और कन्नड़ समर्थक संगठनों के बीच विभाजन को दर्शाते हैं, और अब इस बात को लेकर भी भ्रम पैदा हो गया है कि कौन किस दिन बंद का समर्थन कर रहा है, और क्या सेवाएं कल उपलब्ध होंगी।

बेंगलुरु में क्या बंद, क्या खुला?
संभावनाएं जताई जा रही हैं कि 26 सितंबर को KSRTC यानी कर्नाटक स्टेट  रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन और बेंगलुरु मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (BMTC) की सेवाएं बंद रह सकती हैं। दोनों संगठनों ने बेंगलुरु बंद को समर्थन दिया है। इधर, बंद को समर्थन देने वालों में OLA, Uber ड्राइवर्स एंड ओनर्स एसोसिएशन प्रेसिडेंट तनवीर पाशा का नाम भी शामिल है। उन्होंने ऐलान किया था कि मंगलवार को सेवाएं बंद रहेंगी। बाद में ओला-उबर ड्राइवर्स एसोसिएशन ने कहा कि 29 सितंबर को कर्नाटक बंद भी समर्थन करेंगे, लेकिन मंगलवार को होने जा रहे बंद का साथ नहीं देंगे। राजधानी में स्कूल-कॉलेज भी बड़ी संख्या में बंद रहेंगे। कई संस्थानों ने पहले ही छात्रों के लिए छुट्टी का ऐलान कर दिया है। हालांकि, होटल ओनर्स एसोसिएशन ने बंद को दिया समर्थन वापस ले लिया है। ऐसे में बेंगलुरु में होटल और रेस्त्रां खुलेंगे। मंगलवार को शहर में मेट्रो सेवाएं जारी रहेंगी। साथ ही एंबुलेंस, फार्मा वाहन और अन्य जरूरी सामानों की आवाजाही पर भी कोई असर नहीं होगा।

क्या बोले राजनीतिक दल
जनता दल सेक्युलर  के नेता एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा कि उनकी पार्टी कल होने वाले विरोध प्रदर्शन का समर्थन करेगी। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार प्रदर्शनकारियों को नहीं रोकेगी, लेकिन शांति व्यवस्था बरकरार रहनी चाहिए। उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने भी कहा कि लोगों को विरोध करने का अधिकार है लेकिन हिंसा नहीं होनी चाहिए।