मुंबई। मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर जिलेटिन से भरी स्कॉर्पियो मिलने के मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद से हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। एनआईए ने काले रंग की मर्सिडीज बरामद की है जिसमें स्कॉर्पियो की नंबर प्लेट और पांच लाख रुपये से ज्यादा की रकम बरामद की गई है। इसके अलावा इसमें नोट गिनने की मशीन भी मिली है। बताया जा रहा है कि वाजे इस कार को चलाते थे। जानकारी के मुताबिक इसमें कुछ और नंबर प्लेट भी बरामद हुई हैं।
उद्योगपति मुंकेश अंबानी के आवास के पास से विस्फोटक लदे वाहन (एसयूवी) की बरामदगी मामले की जांच कर रही एनआईए ने गिरफ्तार पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के दफ्तर की तलाशी ली। इस बीच, एक अदालत ने वाजे की वह अर्जी खारिज कर दी जिसमें उन्होंने एजेंसी द्वारा अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया था।
मंगलवार देर रात एनआईए ने कहा कि उसने उस मर्सिडीज कार को जब्त किया है, जिसे वाजे इस्तेमाल करते थे। कार से पांच लाख रुपये भी बरामद किए गए हैं। इस मामले में 13 मार्च को गिरफ्तार किए गए पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को शहर पुलिस की अपराध शाखा के सीआईयू से संबद्ध कर दिया गया था। शाखा का दफ्तर दक्षिण मुंबई में पुलिस आयुक्त कार्यालय के परिसर में स्थित है।
अधिकारी ने बताया कि एनआईए की टीम ने वाजे के दफ्तर की तलाशी के दौरान वहां से कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जैसे लैपटॉप, आई-पैड और मोबाइल फोन बरामद किए हैं। उन्होंने कहा कि तलाशी सोमवार शाम करीब आठ बजे शुरू हुई और मंगलवार सुबह चार बजे तक चलती रही।
एनआईए के महानिरीक्षक अनिल शुक्ला ने कहा कि सीएसएमटी स्टेशन के पास पार्किंग से एक काली मर्सिडीज कार जब्त की गई है, जिसका उपयोग वाजे करते थे। उन्होंने बताया कि कार से पांच लाख रुपये नकद, नोट गिनने की एक मशीन, दो नंबर प्लेट और कुछ कपड़े बरामद किए गए हैं।
अधिकारी ने बताया कि एनआईए ने अभी तक सहायक पुलिस आयुक्त सहित अपराध शाखा के सात अधिकारियों के बयान दर्ज किए हैं। उन्होंने बताया कि एजेंसी ने आज लगातार तीसरे दिन सीआईयू इकाई के सहायक पुलिस निरीक्षक रियाजुद्दीन काजी से पूछताछ की।
गौरतलब है कि अंबानी के मकान के पास कार्मिचेल रोड पर विस्फोटक लदी एसयूवी बरामद होने के दो दिन बाद 27 फरवरी को काजी ने ठाणे जिले के साकेत इलाके में रहने वाले वाजे की हाउसिंग सोसाइटी के सीसीटीवी की फुटेज ली थी। अधिकारी ने बताया कि इस वीडियो (डीवीआर) का जिक्र बरामद सामान की सूची में नहीं था और जांच एजेंसी को संदेह है कि यह फुटेज साक्ष्य को नष्ट करने के लिए ली गई थी जिससे वाजे मामले में फंस सकते थे।
00 एक और खुलासा
एंटीलिया मामले में मंगलवार को एक बड़ा खुलासा हुआ है। एनआईए को मिले सबूत के मुताबिक, सचिन वाजे ने अपनी सोसायटी का सीसीटीवी फुटेज डिलीट करवा दिया था, जिसे एनआईए ने फिर से हासिल कर लिया है। इससे पता चला कि स्कॉर्पियो कभी चोरी नहीं हुई थी। स्कॉर्पियो 18 से 24 फरवरी के बीच वाजे की सोसायटी में खड़ी देखी गई थी।
00 एनआईए के हाथ लगे सबूत से मिली यह जानकारी
बता दें कि कारोबारी मनसुख हिरेन ने अपने बयान में कहा था कि 17 फरवरी को मुलुंड-ऐरोली रोड से उनकी स्कॉर्पियो गायब हो गई थी। फॉरेंसिक रिपोर्ट भी यह साबित करती है कि कार में कोई फोर्स एंट्री नहीं हुई थी। सूत्रों ने बताया कि वाजे एक नंबर प्लेट बनाने वाली दुकान पर भी गया, जहां वह स्कॉर्पियो के नंबर में झोल कराना चाहता था।
00 वाजे के दफ्तर से जब्त किए दस्तावेज
इस बीच, एनआईए ने एंटीलिया मामले में गिरफ्तार मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे के दफ्तर से एक लैपटॉप, मोबाइल फोन व कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं। शीर्ष उद्योगपति मुकेश अंबानी के निवास एंटीलिया के बाहर विस्फोटक लदी एसयूवी बरामद होने और उसके मालिक मनसुख हिरेन के रहस्यमयी ढंग से लापता होने के मामले में एनआईए ने वाजे को गिरफ्तार किया है। इस मामले में एनआईए अब तक मुंबई पुलिस की सीआइयू शाखा के पांच लोगों व क्राइम ब्रांच के दो लोगों से पूछताछ कर चुकी है।
00 दूसरी बार निलंबित हुए वाजे
एंटीलिया मामले और मनसुख हिरेन की मौत को लेकर सचिन वाजे पर एनआईए की कार्रवाई के बाद सोमवार को मुंबई पुलिस ने सचिन वाजे को निलंबित कर दिया। बता दें कि इससे पहले, बम विस्फोट के आरोपी ख्वाजा यूनुस की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में मार्च, 2004 में वाजे को निलंबित किया गया था।
00 एंटीलिया के बाहर गाड़ी क्यों खड़ी थी
25 फरवरी को उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर एक लावारिस वाहन से जिलेटिन की 20 छड़ें बरामद की गई थीं। इसके बाद से ही पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया था। इस गाड़ी की जानकारी मिलते ही मुंबई पुलिस का बम निरोधक दस्ता एंटीलिया के बाहर पहुंच गया था। पूछताछ के दौरान स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन ने बताया कि यह 17 फरवरी को उनके यहां से चोरी हो गई थी। यह मामला तब और उलझ गया, जब 5 मार्च को मनसुख हिरेन का शव मिला। बताया गया कि हिरेन आत्महत्या कर ली, जबकि हिरेन की पत्नी ने हत्या का आरोप लगाया।