Home छत्तीसगढ़ महिला आयोग की आड़ में मौलिक अधिकारों के दुरुपयोग का झूठा मामला...

महिला आयोग की आड़ में मौलिक अधिकारों के दुरुपयोग का झूठा मामला न लाएं : डॉ किरणमयी नायक

65
0

बुजुर्ग पिता की सम्पत्ति पर उन्हें वापस कब्जा दिलाने का निर्देश दिया गया
बिना विवाह विच्छेद के दूसरा विवाह करने वाले शासकीय कर्मियों को नौकरी से निकाला जा सकेगा
रायपुर ।
शास्त्री चौक स्थित राज्य महिला आयोग में महिलाओ से संबंधित प्रकरणों पर आयोग अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में अनावेदकगण राजस्व निदेशालय के अधिकारी है, उनके द्वारा विभागीय प्रक्रिया के तहत जब्ती की कार्यवाही की जा रही थी। इस कार्यवाही के दौरान आवेदिका वहाँ उपस्थित हुई और आवेदिका का कहना है कि इस कार्यवाही के दौरान संबंधित जांचकर्ता अधिकारी के द्वारा उसके मौलिक अधिकारों का हनन किया। इस पर संज्ञान लेते हुए आयोग की अध्यक्ष ने आवेदिका को प्रकरण से संबंधित दस्तावेज और साक्ष्य की प्रति अनावेदक को प्रस्तुत कराने तथा आगामी सुनवाई में आवश्यक रूप से लेकर उपस्थित होने कहा, ताकि प्रकरण का निराकरण किया जा सकें।
इसी तरह एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उनके पति ने महिला बाल विकास के सुपरवाइजर के साथ दूसरा विवाह कर लिया है। तीनों बच्चों को भी उस सुपरवाइजर के पास रख दिया है। पति उस किसी भी तरह का भरण-पोषण नहीं दे रहा है। इस पर अनावेदक ने कहा कि पत्नी मनगढ़त बातें कह रही है। अनावेदक परिवहन आरक्षक चेक पोस्ट कोण्टा में पदस्थ है और उसके तीनों बच्चों और सुपरवाइजर बिलासपुर में रहते है। आवेदिका के बिलासपुर में निवास होने के कारण प्रकरण की आगामी सुनवाई 19 मार्च को बिलासपुर में करने की आयोग के अध्यक्ष ने कही। जिसमें अनावेदक अपने तीनों बच्चों, अपनी माँ, और सुपरवाइजर को उपस्थित रखें ताकि प्रकरण का निराकरण किया जा सकें। अनावेदक ने कहा कि उसके तीनों बच्चें बलौदाबाजार में रहते है। अनावेदक के बेटे से दूरभाष पर चर्चा करने पर ज्ञात हुआ कि उनका पुत्र अपने कजिन भाई के साथ बलौदाबाजार में सेक्रेड हाई स्कूल में पढ़ता है। उसकी दादी उसके साथ बलौदाबाजार में रहती है, और उसके भाई बहन सुपरवाइजर आंटी के साथ रहकर लोयेला स्कूल में पढ़ रहे है। उनके पुत्र की बात से स्पष्ट होता है कि अनावेदक शासकीय पद पर होते हुये बिना पत्नी को तलाक दिये अवैध रिश्ते के संबंध में है और अपने बच्चों को भी सुपरवाइजर के साथ रख रहा है। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए अध्यक्ष ने अनावेदक को आगामी तिथि में अपने तीनों बच्चों, मां और सुपरवाइजर के साथ उपस्थित रहने कहा अन्यथा उसके और सुपरवाइजर के खिलाफ विभागीय जाँच की अनुशंसा की कार्यवाही की जायेगी।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने उपस्थित होकर अपना आवेदन वापस लेना चाहा, इस पर आवेदिका को विस्तार से सुना गया और आवेदिका को समझाइश दिया गया कि पति, बेटा, बहू के बात पर आकर प्रकरण वापस लेना गलत है। पर परिवार में उसके सम्मान में कभी भी कमी आने की दशा में या पति, बेटा, बहू के प्रताड़ित किये जाने की दशा में दोबारा महिला आयोग आकर उनके विरुद्ध कार्यवाही के लिए आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है। इस प्रकरण में आवेदिका अपनी बेटी के घर आने-जाने पर रोक न लगाने की इच्छा व्यक्त की। आज आवेदिका के पति, बेटा, बहू के उपस्थित नहीं होने पर भी आदेश में यह निर्देश किया गया कि आवेदिका के बेटी के घर आने-जाने पर परिवार के अन्य लोग किसी तरह की पाबंदी नहीं लगा सकते। इस आदेश की प्रतिलिपि उनको जाकर दिखा सकती है उनके पति, बेटा, बहू पर उनके खिलाफ भविष्य में कार्यवाही की जा सकती है। इस आदेश के साथ प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।
इसी तरह बुजुर्ग माता-पिता और छोटे भाई के परिवार को घर से बाहर निकालने का प्रकरण सामने आया।मकान का भूमि स्वामित्व बुजुर्ग दंपति के नाम पर है जिसमें उसके बड़े पुत्र श्याम सुन्दर और उसकी पत्नी ने कब्जा में रखा है। माता-पिता और भाई को घर से निकाल दिया है। सीनियर सिटीजन (वरिष्ठ नागरिक) से इस तरह का व्यवहार घरेलू हिंसा की श्रेणी में आता है। वर्तमान परिस्थिति में अनावेदक के पिता के मकान में नीचे का हिस्सा और प्रथम तल में, और अनावेदक एक सप्ताह के अंदर अपना सामान लेकर वहाँ रहना और अपना कारोबार चालू कर सकते है। इसके रहने के स्थान पर अनावेदक के पत्नी किसी भी तरह से अनावेदक के पिता और अनावेदक के परिवार में किसी भी तरह का बुरा व्यवहार नहीं करेंगे। इस पूरे प्रकरण में अधिवक्ता द्वय भूपेन्द्र जैन, शमीम रहमान को कमिश्नर नियुक्त किया जाता है। थाना प्रभारी गोल बाजार को निर्देशित किया जाता है कि दोनों पक्षकारों को शांतिपूर्वक ढंग से उनके हिस्से में निवास हेतु उचित समझाइश दे और अनावेदक इसमें दखलांदाजी करने पर उचित कार्यवाही करें।
एक अन्य प्रकरण में न्यायालय में व थाने में विभिन्न प्रकार का मामला दर्ज है आवेदिका को समझाने पर महिला थाना में चल रहे प्रकरण को प्राथमिकता दिया, प्रकरण निरस्त किये जाने हेतु आवेदिका ने निवेदन किया। अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में अनावेदक ने दिसम्बर में दिये गये निर्देशों का पालन नहीं किया शादी का समस्त सामान सारे गहने अभी तक वापस नहीं किया गया। इसी स्थिति में गोबरा नवापारा थाना टी.आई. से संपर्क कर उभय पक्ष को समय सूचित करने और आवेदिका का सामान वापस करने में इस प्रकरण में अनावेदक के दोस्त अनावेदक को सूचना देने एवं आवेदिका को सामान दिलाने में उपस्थित रहेंगे। किसी भी प्रकार का हिला हवाला करने पर गोबरा नवापारा टी.आई. से संपर्क कर उचित कार्यवाही करें।