नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल की कीमताें पर बीते सप्ताह सदन में हुए हंगामे के बाद केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि केंद्र के पास पेट्रोल-डीजल और विमानों के ईंधन (एटीएफ) को जीएसटी में शामिल करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
सरकार के सहयोगी जदूय ने कहा, केंद्र इस संबंध में प्रस्ताव लेकर आए तो वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर बोले की राज्य दिलचस्पी दिखाएं तभी बनेगी बात। हालांकि बीते महीने निर्मला सीतारमण ने कहा था कि पेट्रोल व डीजल के बढ़ते दामों से राहत तब ही मिलेगी, जब इसे जीएसटी में शामिल कर लिया जाए।
प्रश्नकाल के दौरान सबसे पहले वाईएसआर कांग्रेस के पीवी मिथुन रेड्डी ने इस मामले को उठाते हुए कहा, पेट्रो पदार्थों की बढ़ी कीमतों की मार से लोगों को बचाने के लिए इसे जीएसटी के दायरे में लाने की जरूरत है।
सीतारमण ने बताया कि कानूनी तौर पर जीएसटी परिषद को यह बताना होगा कि किस तारीख से पेट्रोलियम पदार्थोंं, कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, एलपीजी, डीजल व एटीएफ को जीएसटी में शामिल किया जा रहा है। लेकिन अब तक सरकार के पास परिषद से ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है। जीएसटी परिषद में केंद्र व राज्य दोनों के प्रतिनिधि होते हैं और अंतिम फैसला इन्हें ही लेना है।
00 जेटली ने दिया था प्रस्ताव उसे ही माने सरकार: जदूय
जदयू के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा, दिवंगत वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि पेट्रो पदार्थों को जीएसटी में लाने का भी प्रस्ताव है। इस पर विमर्श के बाद फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा, जरूरत इस बात की है कि केंद्र जीएसटी परिषद की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव लाए। मगर केंद्र सरकार ऐसा नहीं कर रही।
00 कीमतों को लेकर आपस में बात करें केंद्र व राज्य
अनुराग ठाकुर ने कहा, पेट्रोल व डीजल के बढ़ते दामों से जनता को राहत देने के लिए केंद्र व राज्य सरकारों को आपस में बात करनी चाहिए। इसके लिए करों को घटाना होगा और यह बातचीत से ही संभव है। राज्य सरकारों और केंद्र सरकार को जनता के इस संकट पर साझा प्रयास करने होंगे। केंद्र पेट्रोल व डीजल पर सीमा शुल्क तो राज्य वैट लगाते हैं। ठाकुर ने आम लोगों को बढ़ी कीमतों की मार से बचाने के लिए राज्यों से भी करों में कटौती की मांग की।
00 पेट्रोल पर मिलने वाले कर से होता है विकास कार्य: अनुराग
एक सवाल के जवाब में वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने बताया कि पेट्रोलियम उत्पादों पर लगने वाले सीमा शुल्क से ही सरकार बुनियादी ढांचे समेत अन्य विकास कार्य कराती है। अनुराग ने बताया कि एक साल पहले पेट्रोल पर 19.98 रुपये प्रति लीटर की दर से सीमा शुल्क लगता था जो अब 32.9 रुपये प्रति लीटर है। इसी तरह डीजल पर सीमा शुल्क बीते एक साल में 15.83 से बढ़ाकर 31.8 रुपये किया गया है।
00 इसलिए जीएसटी में नहीं रखे गए थे पेट्रो उत्पाद
एक जुलाई 2017 को जब जीएसटी लागू हुआ था तो केंद्र व राज्य सरकारों ने अपने राजस्व के मद्देनजर कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, डीजल और एटीएफ को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा था। इस पर केंद्र सरकार व राज्य सरकारें अपने-अपने यहां अलग-अलग कर लगाती हैं और उससे आने वाला पैसा सरकारी खजाने में जाता है। निर्मला ने अपने जवाब में लिखा, उपयुक्त समय पर जरूरतों व अन्य कारकों का ध्यान रखते हुए जीएसटी काउंसिल इन पांच पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी में शामिल करने का निर्णय ले सकती है।