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म्यांमा में सेना का खूनी खेल : गोली-बारी में 38 नागरिकों की मौत, अमेरिका ने जताया दुःख

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तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान अब तक 100 से ज्यादा की मौत
यंगून।
म्यांमार की राजधानी यंगून और अन्य शहरों में रविवार को प्रदर्शन तेज हो गया ऐसे में सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं। इसमें यंगून के करीब एक औद्योगिक क्षेत्र में हेलिंगथया में 22 लोग मारे गए, इस अलावा पूरे देश में कम से कम 38 नागरिकों की मौत हो गई। हिंसा के दौरान एक पुलिस अधिकारी की भी जान चली गई, जबकि तीन अन्य घायल हो गए।
हेलिंगथया में सैन्य तानाशाही की तरफ से मार्शल लॉ लागू की गई है। इससे पहले शनिवार को भी सुरक्षाबलों ने गोलियां चलाई जिसमें 13 प्रदर्शनकारियों को मार दिया था। देश में सेना द्वारा सत्ता कब्जाने के बाद छह हफ्ते से जारी प्रदर्शनों में अब तक 100 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
प्रदर्शन के दौरान 38 लोग मारे गए
म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों की कार्रवाई में 38 लोग मारे गए। स्विट्जरलैंड में संयुक्त राष्ट्र की एक अधिकारी ने बताया कि बुधवार को हुए प्रदर्शन के दौरान 38 लोग मारे गए। यह आंकड़ा इस संबंध में मिलीं अन्य रिपोर्टों से मेल खाता है, लेकिन देश के भीतर इन आंकड़ों की पुष्टि करना मुश्किल है।
म्यांमार में संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत क्रिस्टीन श्रानेर बर्गनर ने पत्रकारों से कहा, एक फरवरी को हुए तख्तापलट के बाद आज सर्वाधिक लोगों का खून बहा। केवल आज ही 38 लोग मारे गए। तख्तापलट के बाद से जारी प्रदर्शनों में अभी तक कुल 50 लोग मारे गए हैं और कई लोग घायल भी हुए हैं। म्यांमार में लोग सेना के तख्तापलट और निर्वाचित नेता आंग सान सू ची को निष्कासित किए जाने के खिलाफ रोजाना प्रदर्शन कर रहे हैं।
सुरक्षाबल कर रही गोलीबारी
प्रदर्शनकारियों को काबू करने या उन्हें तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बल लगातार आंसू गैस के गोले, रबड़ की गोलियां दाग रहे हैं और गोलीबारी कर रहे हैं। टीवी चैनल एवं ऑनलाइन सेवा डेमोक्रेटिक वॉयस ऑफ बर्मा ने भी मृतकों की संख्या 38 ही बताई है। गौरतलब है कि म्यांमार में सेना ने एक फरवरी को तख्तापलट कर देश की बागडोर अपने हाथ में ले ली थी। सेना का कहना है कि सूची की निर्वाचित असैन्य सरकार को हटाने का एक कारण यह है कि वह व्यापक चुनावी अनियमितताओं के आरोपों की ठीक से जांच करने में विफल रही।
अमेरिका ने जताया दुख
वहीं अमेरिका ने भी कहा कि असैन्य शासन को बहाल करने की शांतिपूर्ण तरीके से मांग कर रहे म्यांमा के लोगों के प्रति बरती जा रही भयावह हिंसा को देखकर वह स्तब्ध है और बहुत ही दुखी है। पिछले महीने म्यांमा में हुए सैन्य तख्तापलट का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है। विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइज ने कहा, `जो तस्वीरें और खबरें मिल रही हैं, वे हैरान करने वाली हैं। असैन्य सरकार को बहाल करने का शांतिपूर्ण आह्वान कर रही बर्मा की जनता पर बरसाई जा रही भयावह हिंसा को देखकर हम स्तब्ध और दुखी हैं।