भोपाल
शहडोल कमिश्नर आईएएस राजीव शर्मा द्वारा आदि शंकर पर लिखा उपन्यास विद्रोही सन्यासी अब उर्दू भाषा में आने वाला है। उनके इस उपन्यास का उर्दू में अनुवाद मेंहदी हसन कर रहे है। अब तक यह उपन्यास तीन भाषाओं हिंदी, अंग्रेजी और मराठी में सात संस्करणों में दुनियाभर में धूम मचा रहा है। इस कृति को अनेक राष्टÑीय, अंतरराष्टÑीय सम्मान मिल चुके है।
उमरिया के वरिष्ठ पत्रकार मेहंदी हसन ने जब हिंदी में राजीव शर्मा का उपन्यास विद्रोही सन्यासी पढ़ा तो उन्हें लगा कि राष्टÑीय एकता के देवदूत आदि शंकर की इस कथा से उर्दू के पाठक वंचित क्यों रहें। इस उपन्यास के उर्दू अनुवाद का संकल्प लेकर वे तीन माह पहले इसके लेखक और शहडोल कमिश्नर राजीव शर्मा के पास पहुंचे । उन्होंने शर्मा से विद्रोही सन्यासी के उर्दू अनुवाद की अनुमति मांगी। अनुमति मिलने के बाद उन्होंने उर्दू में इसके पहले अध्याय का अनुवाद पूरा कर लिया है। हिंदी भाषा में लिखे इस उपन्यास का बघेली अनुवाद भी हो चुका है जो अरुण पयासी ने किया है। अब उर्दू में भी यह उपन्यास पढ़ने को मिलेगा।
विद्रोही सन्यासी का अंग्रेजी, हिंदी और मराठी संस्करण आ चुका है। इस उपन्यास में आदि शंकराचार्य के पूरे जीवन के कई अनछुए पहलुओं को उजागर किया गया है। लेखक ने इस उपन्यास को लेकर पहले आदि शंकराचार्य जिन स्थानों पर रह चुके है वहां का भ्रमण किया और स्थानीय लोगों से चर्चा करने के बाद इसमे उनके जीवन पर केन्द्रितकई रोचक जानकारियां इस उपन्यास में लिखी है। अब यह उपन्यास चौथी भाषा में आने को तैयार है।