बालोद से सुप्रीत शर्मा की रिपोर्ट
बालोद। शहर के युवाओं के लिए एक प्रेरणात्मक और बड़ी बात यह है कि जितेंद्र पांडेय को एनएसयूआई का प्रदेश सचिव बनाया गया है। जो कि अब से बालोद नहीं बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के युवाओं का कांग्रेस की ओर से नेतृत्व करेंगे। एक एनएसयूआई शहर अध्यक्ष से लेकर प्रदेश सचिव तक का सफर जितेंद्र के लिए आसान नहीं था। यहां तक पहुंचने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी। चाहे सत्ता हो या ना हो पर वह युवाओं व लोगों की आवाज बनकर हमेशा उठते रहे। युवाओं की समस्या को लेकर उन्होंने कई आंदोलन किए। जिसका नतीजा यह रहा कि आज बालोद के इस जितेंद्र पांडेय को प्रदेश स्तर पर एनएसयूआई का नेतृत्व करने का मौका दिया गया है। जो कि बालोद के युवाओं के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि है। जितेंद्र पांडेय के संघर्षों का परिणाम अब सामने आया है। इस नियुक्ति से एनएसयूआई और युवक कांग्रेस में जमकर हर्ष का माहौल देखने को मिला है। तो वहीं अब जितेंद्र पांडेय की वजह से बालोद शहर के युवाओं को भी आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। शुरू से ही जुझारू और आंदोलनकारी प्रवृत्ति के रहे जितेंद्र पांडेय हमेशा अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते रहे। कई धरना, प्रदर्शन, घेराव तक में उनकी अहम भूमिका रहती थी। और युवाओं का नेतृत्व करते रहे। जिसके चलते उन्हें कई बार जेल तक जानी पड़ी और फिर वह छूटे भी। जब पहले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार नहीं थी तो उन्होंने कई जेल भरो आंदोलन में हिस्सा लिया। कलेक्ट्रेट घेराव सहित अन्य मामलों में जितेंद्र पांडेय शुरुआत से ही चर्चा में रहे। विपक्ष की कड़ी भूमिका उन्होंने निभाई और अभी भी छात्र हित के मुद्दों को लेकर मुखर रहते हैं और दूसरे युवाओं को भी प्रेरित करते हैं।
शहर अध्यक्ष से प्रदेश सचिव तक का सफर
शासकीय महाविद्यालय बालोद में सन 2013 में बी,कॉम की डिग्री लेने के लिये एक सामान्य परिवार से आने बाले जितेंद्र पाण्डेय को कहां पता था महाविद्यालय में जाते ही उनकी राजनीति में एंर्टी होगी। एक आम छात्र की तरह अपनी पढ़ाई करने पहुंचे थे किंतु किस्मत का लिखा कुछ और था। महाविद्यालय में प्रवेश लेते ही सन 2014 में छात्र संघ चुनाव होना था। उसी दौरान उनकी मुलाकात उनके सीनियर व एनएसयूआई के नेता वैभव शर्मा से हुई और उनको एनएसयूआई की सदस्यता कराने का जिम्मा मिला। उसके तत्पश्चात महाविद्यालय में छात्र संघ चुनाव होना था। जिसमें जितेंद्र पाण्डेय की अहम भूमिका रही और परिणाम एनएसयूआई के पक्ष में रहा। वहां से उनकी मुलाकात वर्तमान में नगर पालिका अध्यक्ष विकास चोपड़ा से हुई और उनको सक्रिय राजनीति में आने का मौका मिला। एनएसयूआई के प्रदर्शन को देखते हुए सन 2014 में ही विकास चोपड़ा ने जितेंद्र पाण्डेय को एनएसयूआई के शहर अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी और वहाँ से फिर जितेंद्र पाण्डेय अपने राजनीतिक मार्गदर्शक विकास चोपड़ा को मानते हुए रमन सरकार के खिलाफ अपना संघर्ष जारी रखा। सन 2015 में प्रदेश एनएसयूआई का चुनाव हुआ। जिसके दौरान मौजूदा एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा से मुलाकात हुई। जितेंद्र पाण्डेय के निरंतर संघर्ष को देखते हुए आकाश शर्मा द्वारा 2016 में जितेंद्र पाण्डेय को बालोद एनएसयूआई विधानसभा अध्यक्ष नियुक्त किया। किन्तु संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ था। लगतार संघर्ष को देखते हुए सन 2017 में बालोद जिला एनएसयूआई का जिलाध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया गया। जिला अध्यक्ष रहते हुये जितेंद्र पाण्डेय ने छात्रों, युवाओ, आम जनता के हक के लिये निरंतर अपनी लड़ाई लड़ते रहे।
रमन सरकार के खिलाफ जितेंद्र पाण्डेय ने बालोद जिला में कई अनोखे प्रदर्शन करते हुये दिखे। और अब उनको प्रदेश सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई।