फ्लाइंग सिख के नाम से जाने जाते थे दुनिया के पहले पगड़ी वाले पायलट
लंदन। इंग्लैंड के बंदरगाह शहर साउथंप्टन में विश्व युद्धों में लड़ने वाले सभी भारतीयों की याद में बनाए जा रहे नए स्मारक में लड़ाकू विमान के सिख पायलट हरदित सिंह मलिक की लगाई जाने वाली मूर्ति के डिजाइन को मंजूरी दे दी गई है। मलिक को सिख फाइटर पायलट, क्रिकेटर और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के गोल्फर के तौर पर जाना जाता था।
हरदित सिंह मलिक पहली बार 1908 में 14 साल की उम्र में आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के बैलिओल कालेज पहुंचे थे और प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान रॉयल फ्लाइंग कोर के सदस्य बने। वह पहले भारतीय और विशेष हेलमेट के साथ पगड़ी वाले पायलट थे। वह फ्लाइंग सिख
के रूप में प्रसिद्ध हुए थे।
स्मारक के लिए अभियान चलाने के पीछे वन कम्युनिटी हैंपशायर एंड डोरसेट (ओसीएचडी) है। पिछले वर्ष साउथंप्टन सिटी काउंसिल द्वारा इसे मंजूरी दी गई थी। ओसीएचडी ने कहा, प्रथम विश्व युद्ध के नायक, हरदित सिंह मलिक की प्रतिमा, प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध में ब्रिटिश सशस्त्र बलों में पूरे सिख समुदाय के योगदान का प्रतीक होगी।
मलिक ने ससेक्स के लिए क्रिकेट भी खेला और भारतीय सिविल सेवा में शामिल रहने के बाद फ्रांस में भारत के राजदूत भी रहे। हालांकि उन्हें 1917-19 के दौरान लड़ाकू विमान के एक पायलट के रूप में जाना जाता है। यह स्मारक ब्रिटिश मूर्तिकार ल्यूक पेरी तैयार करेंगे, जो लायंस आफ द ग्रेट वार
जैसे अन्य स्मारकों से भी जुड़े रहे हैं। ब्रिटिश सिख एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि मैं स्मारक की असाधारण डिजाइन और सुंदरता से अभिभूत हूं, जो इस महान लड़ाकू पायलट हरदित सिंह मलिक की याद दिलाएगा।