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गोठानों में स्व सहायता समूह की बढ़ाएं सहभागिता

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बैंक से समन्वय बनाकर कराएं समूहों का बैंक लिंकेज
जांजगीर-चांपा।
महिला स्व सहायता समूहों को गोठानों से जोड़कर उन्हें बेहतर रोजगार के साधन मुहैया कराए जा सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि प्रत्येक गोठान के लिए बेहतर कार्ययोजना तैयार की जाए। यह बात जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी गजेन्द्र सिंह ठाकुर ने जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, पंचायत की समीक्षा बैठक में जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी, ब्लॉक कार्डिनेटर से कही।
उन्होंने कहा कि गोठान से महिला समूहों को आजीविका संवर्धन की दिशा में अग्रसर कर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा सकता है। इसके लिए प्रत्येक गोठान में यह देखा जाए कि वहां की आवश्यकता क्या है, उसके बाद महिला समूहों को उस कार्य के लिए प्रशिक्षण दिया जाए। ताकि वे उस कार्य में बेहतर परिणाम दे सकें। इसलिए जरूरी है कि प्रत्येक गोठान के लिए अलग-अलग कार्ययोजना जनपद पंचायत से तैयार की जाए।
बैठक में उन्होंने कहा कि महिला स्व सहायता समूहों को बैंक के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जाता है। समूहों को किसी तरह की कोई दिक्कत न आए इसके लिए सतत रूप से बैंक के माध्यम से समन्वय बनाकर कार्य करें और उन्हें बैंक लिंकेज कर ऋण उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि इन प्रकरणों पर विशेष ध्यान देते हुए कार्य करे और समय सीमा में दिए गए लक्ष्य को प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि पंचायत के माध्यम से जो भी अनिवार्य कर वसूल किए जाते हैं, उनमें तेजी लाएं। उन्होंने वसूली के प्रकरणों को गंभीरता से करने के निर्देश दिए। प्रिया साफ्ट में सतत रूप से एंट्री करने कहा। इसके अलावा समाज कल्याण विभाग के तहत संचालित योजनाओं की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने पेंशन भुगतान बैंक सखी के माध्यम से कराने कहा। बैठक में समाज कल्याण विभाग के उपसंचालक टीपी भावे, एपीओ डीएस राजपूत, आकाश सिंह सहित जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी, एनआरएलएम ब्लॉक कार्डिनेटर आदि उपस्थित थे।
बीसी सखी की लें मदद:-
जिपं सीईओ ने बैठक में कहा कि एनआरएलएम की बीसी सखी सेतु से जुड़ी महिलाएं ऑनलाइन माध्यम से बैंकिंग की सुविधाएं गांव-गांव जाकर दे रही हैं। उन्होंने कहा कि बीसी सखी को प्रेरित करें और जनपद, ग्राम पंचायत के सभी अधिकारी, कर्मचारी से इनके माध्यम से ही बैंकिंग की सुविधाओं का लाभ लेने के निर्देश दिए। सभी योजनाओं में बीसी सखी के माध्यम से ही भुगतान कराएं, जिसमें पेंशन, मनरेगा की मजदूरी का भुगतान एवं अन्य सुविधाएं शामिल है।