मुंगेली/ नगर पालिका क्षेत्रान्तर्गत में तालाब पाटकर बनाये जा रहे अवैध काम्प्लेक्स का मुद्दा बहुत गर्माता जा रहा हैं क्योंकि सर्वप्रथम इस काम्प्लेक्स का निर्माण नगर पालिका के बगैर अनुमति के किया जा रहा था जिसकी शिकायत होने पर काम्प्लेक्स निर्माण करने वाले को नगर पालिका और श्रम विभाग से नोटिस जारी किया गया, नगर पालिका द्वारा जारी एक नोटिस में कहा गया था कि यदि काम्प्लेक्स निर्माण बंद नहीं किया जाता हैं तो एफआईआर दर्ज कराई जाएगी, जिसके बाद काम बंद हो गया। उसके बाद मुंगेली नगर पालिका के CMO का ट्रांसफर हो गया, जिसके बाद प्रभारी CMO आने का दौर शुरू हुआ इसी प्रभारी CMO में एक CMO ऐसे भी थे जो सारे नियम-कानून को दरकिनार कर काम्प्लेक्स निर्माण की अनुमति जारी कर दी गई, जिसके बाद उसकी पुनः कलेक्टर, मुख्य नगर पालिका सहित अन्य अधिकारियों को शिकायत की गई, जिसके बाद कलेक्टर कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार नोटिस देने की कार्यवाही की जा रहीं हैं वहीं दूसरी ओर नगर पालिका कार्यालय से फाईल गायब हो जाने की जानकारी मिली हैं, जो कई संदेहों को जन्म दे रहा हैं साथ ही इस काम्प्लेक्स निर्माण से सम्बंधित दस्तावेज के अवलोकन और सत्यापित प्रतिलिपि प्राप्त करने आवेदन लगाया गया परंतु ऐसा लगता हैं मानों नगर पालिका जानकारी देना नही चाहती ? प्राप्त जानकारी के अनुसार तालाब पाट बनाये जा रहे इस मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका लगाई जा सकती हैं।
आपको बता कि मुंगेली में ऐसे लोगों और तथाकथित सामाजिक संस्थाओं की कमी नहीं जो खुद को पर्यावरण प्रेमी और जलस्त्रोतों की सुरक्षा के लिए जुझारू मानते हैं, मुंगेलीवासियों की माने तो ऐसे लोग या ऐसी तथाकथित संस्थायें केवल फोटोबाजी में संलिप्त रहती हैं, सही मायनों में मुंगेली में अब ऐसा लगने लगा है जैसे यहाँ पर्यावरण प्रेमी विलुप्त होने लगे हैं ? क्योंकि तालाब पाटकर बनाये जा रहे काम्प्लेक्स मामले में पर्यावरण प्रेमियों की चुप्पी बहुत कुछ बयां करती हैं, बहरहाल कलेक्टर कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मामले से जुड़े अधिकारियों और संबंधितों को नोटिस देने की प्रारंभिक कार्यवाही की जा रही हैं।