रायपुर। गौठान के विकास और रखरखाव के लिए शराब पर लिए जाने वाले सेस की राशि का दूसरे मद में खर्च करने का आरोप लगाते हुए बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने सदन में जेपीसी जांच की मांग की। इसे गंभीर अनियमतता बताते हुए करीबन साढ़े पांच सौ करोड़ रुपए की हेराफेरी की बात कही। मंत्री रविन्द्र चौबे के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने बहिर्गमन किया। भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर ने प्रश्नकाल में कहा कि यह गंभीर अनियमितता है। गौठान विकास के लिए शराब पर सेस लगाया गया, लेकिन गोधन न्याय योजना में भी राशि खर्च की गई। अधिसूचना में स्पष्ट है कि जिस मद के लिए सेस लिया जा रहा है, उस पर ही खर्च करना है। करीब साढ़े पांच सौ करोड़ की हेराफेरी हुई है। शिवरतन शर्मा ने पूछा कि शराब पर जो अतिरिक्त शुल्क लगाया गया है। इससे बाहर जाकर खर्च करने का अधिकार सरकार को है क्या? कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने अपने जवाब में कहा कि गोधन या गौठान योजना को अलग अलग देखना उचित नहीं है। जिस उद्देश्य से शराब पर सेस लगाया गया है, उसी उद्देश्य के तहत खर्च किया जा रहा है। गोबर खरीदी योजना से आप लोगों को दिक्कत क्यों हैं। गरीबों के जेब में पैसा जा रहा है। चौबे ने चुटकी लेते हुए कहा कि गडकरी जी सुनेंगे तो आप लोगों की क्लास लगा देंगे। शिवरतन शर्मा ने पूछा कि ये बताइए कि जिस उद्देश्य से पैसा लिया जा रहा है, दूसरे उद्देश्य से खर्च किया जा सकता है क्या? इस पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी सवाल दोहराते हुआ कहा कि गोधन न्याय योजना और गौठान योजना जब अलग-अलग है, तो इसे एक कैसे बता रहे हैं।