नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ देश भर में बीते 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वैक्सीन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। डब्ल्यूएचओ प्रमुख डॉ. ट्रेड्रॉस ए. गेबरेसस ने कोरोना के खिलाफ वैक्सीन निष्पक्षता का समर्थन करने के लिए पीएम मोदी का धन्यवाद किया।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने गुरुवार को कहा, कोवैक्स और कोविड-19 वैक्सीन की खुराक को साझा करने में आपकी प्रतिबद्धता 60 से अधिक देशों को अपने स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य प्राथमिकता समूहों का टीकाकरण शुरू करने में मदद कर रही है।
उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि अन्य देश आपके उदाहरण का अनुसरण करेंगे।
कोविशिल्ड या कोवैक्सीन में से टीका चुनने का विकल्प
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में उक्त निर्णय किया गया। बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने फैसले की जानकारी दी। यह पूछे जाने पर कि क्या लोगों को कोविशिल्ड या कोवैक्सीन में से टीका चुनने का विकल्प होगा, केंद्रीय मंत्री ने कहा, भारत ने दो टीकों को मंजूरी दी है और दोनों टीके प्रभावी हैं और उनकी क्षमता सिद्ध है। यह पूछे जाने पर कि 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीका लगाने के चरण में क्या प्रधानमंत्री केंद्रीय मंत्रियों को भी टीका लगाया जायेगा, जावड़ेकर ने कहा कि जो लोग टीका लगवाना चाहते हैं, वे 1 मार्च से शुरू हो रहे अभियान में लगवा सकते हैं।
सबसे पहले स्वास्थ्य क्षेत्र के योद्धाओं को टीका लगाने की शुरूआत
वहीं, जावड़ेकर के साथ मौजूद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अधिकांश मंत्री भुगतान करके टीका लगवाने का विचार कर रहे हैं। कुछ स्थानों (देशों) में प्रधानमंत्रियों और मंत्रियों ने शुरूआत में ही टीके लगवाए, लेकिन हमने अपने यहां सबसे पहले स्वास्थ्य क्षेत्र के योद्धाओं को टीका लगाने की शुरूआत की।
बीमार लोगों का भी हो सकेगा टीकाकरण
वहीं 1 मार्च से पूरे देश में कोरोना टीकाकरण के नियम बदल जाएंगे, जिसके बाद 45 से ज्यादा उम्र के बीमार लोगों का भी टीकाकरण हो सकेगा। सरकारी अस्पतालों में टीकाकरण निशुल्क होगा। वहीं प्राइवेट अस्पताल में वैक्सीन के लिए कीमत चुकानी होगी। वैक्सीन की कीमत को लेकर लोगों के बीच कायास भी लगने शुरू हो गए हैं।
एम्स निदेशक प्रोफेसर रणदीप गुलेरिया के मुताबिक प्राइवेट अस्पतालों में भी वैक्सीन की कीमत उचित रखी जाएगी। एम्स निदेशक के मुताबिक प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन की कीमत में जरूरी खर्च जोड़े जाएंगे, जिससे अस्पतालों को नुकसान ना हो। कोविड जांच के दौरान ऐसा पहले भी किया जा चुका है। ऐसा कोविड जांच की कीमतों को गलत इस्तेमाल से बचाने के लिए किया गया।