कवर्धा। जिला चेंबर ऑफ कॉमर्स में चुनाव और अध्यक्ष पद को लेकर घमासान मचा हुआ है। इस घमासान की आंच चेंबर ऑफ कॉमर्स के जिला अध्यक्ष महावीर चंद जैन पर पड़ रही है। चुनाव को लेकर राजधानी से आये प्रतिनिधियों के सामने अनेक सदस्यों ने जिला अध्यक्ष के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली है।
बता दें कि जिला चेंबर ऑफ कॉमर्स के मनोनीत अध्यक्ष महावीर चंद जैन का नाम अनुविभागीय दंडाधिकारी कार्यालय में चले एक प्रकरण में सगे भाई पंकज जैन द्वारा भूमाफिया के रूप में स्वीकार करने के बाद से विवादों में आ गया है । भूमाफ़ियागिरी में नाम आने के बाद से चेम्बर आफ कामर्स के प्रतिष्ठित सदस्य ऐसे अध्यक्ष को पचा नही पा रहे इसी के चलते राजधानी से आये चेम्बर आफ कामर्स के सदस्यो के सामने जमकर भड़ास निकाली और आगे से मनोनयन के नाम पर थोपे गए अध्यक्ष को स्वीकार नही करने की बातें कही।
बताया जा रहा है कि महावीर चंद जैन के लगभग 6 साल के कार्यकाल सदस्यों की संख्या तीन अंकों तक नही पहुंच पाया है जबकि अकेले मेडिकल एशोसिएशन में 550 से ज्यादा सदस्य जिले में है। किराना, कीटनाशक, अनाज व्यापारियों को जोड़ ले तो जिले में हज़ारों दुकानदार है फिर भी सदस्य संख्या का 3 अंकों तक नही पहुंच पाना अनेकों संदेह को जन्म दे रहा है। इसके पीछे चर्चा का बाज़ार सरगर्म है कि चेम्बर आफ कामर्स के अध्यक्ष के क्रिया कलापो , मनमानी के चलते लोग संगठन में जुडना नही चाह रहे।
अध्यक्ष पद के विवाद को लेकर सरदार सुरजीत सिंग (दारा) का कहना है कि चेंबर में ऐसा व्यक्ति अध्यक्ष बन बैठा हैं जो पद का दुरुपयोग स्वहित में कर रहा है । जिनका नाम भूमाफ़ियागिरी मे आने से चेम्बर आफ कामर्स का नाम बदनाम हो रहा है नैतिकता के नाते अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देना चाहिए ।
इसके अलावा चेंबर के कई सदस्यो ने भी नाम न छापने की शर्त पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि महावीर चंद मनोनयन के नाम पर जिला चेंबर में अध्यक्ष पद पर थोपे गए है, बड़ी शर्म आती है कि जिले में व्यापारियों की संख्या हज़ारों के बावजूद चेम्बर आफ कामर्स के सदस्यों की संख्या सैकड़ा तक नही पंहुच पाई है । इससे ज्यादा तोअलग अलग संगठनों की सदस्य संख्या है। बहरहाल चेम्बर के चुनाव को ले कर चल रही सरगर्मी और अध्यक्ष का नाम मीडिया और सरकारी दस्तावेजों में भूमाफिया के रूप के आने से संगठन में अध्यक्ष पद से इस्तीफे की मांग के साथ नए विवाद की शुरुआत हो गई है। अध्यक्ष की हठधर्मिता के चलते जिले में संगठन के दोफाड़ होने के साथ संगठन चुनाव भी रोचक होने की संभावना जताई जा रही है।