पुदुचेरी। केंद्रशासित प्रदेश में राजनीतिक संकट के कारण पुदुचेरी के सीएम नारायणसामी बहुमत साबित नहीं कर पाए और अविश्वास प्रस्ताव हार गए। विधानसभा अध्यक्ष ने घोषणा की कि मुख्यमंत्री द्वारा विश्वास मत हार गए हैं और तब कांग्रेस विधायकों ने वॉक आउट किया।
विश्वास मत से आगे विधानसभा में बोलते हुए सीएम नारायणसामी ने आरोप लगाया कि केंद्र ने केंद्र शासित प्रदेश सरकार को कमज़ोर
किया और धन से वंचित रखा। 33 सदस्यीय विधानसभा में विपक्ष के 14 के मुकाबले कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन की ताकत 11 हो गई है।
पुडुचेरी में कांग्रेस का चेहरा रहे नारायणसामी के खिलाफ पार्टी विधायकों ने तब बगावत का बिगुल फूंका है जब कुछ ही महीनों में वहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और कांग्रेस ने उन्हीं की अगुवाई में चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। पांच साल पहले कांग्रेस ने नारायणसामी को केंद्र की राजनीति से राज्य की राजनीति में भेजा था। वो केंद्र की मनमोहन सिंह की यूपीए-2 सरकार में प्रधान मंत्री कार्यालय में केंद्रीय राज्य मंत्री के तौर पर काम कर रहे थे, लेकिन 2016 में उन्हें पुडुचेरी का सीएम बनाया गया था।
22 फरवरी को बहुमत परीक्षण से ऐन पहले कांग्रेस के एक और विधायक के. लक्ष्मीनारायणन और द्रमुक के विधायक वेंकटेशन के इस्तीफा देने के बाद 33 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 11 हो गई है, जबकि विपक्षी दलों के 14 विधायक हैं।
पैसे के माध्यम से अवैध विधायकों द्वारा निर्वाचित सरकार को गिराया: सीएम
सीएम नारायणसामी ने कहा, विधायकों को पैसे की शक्ति, एजेंसियों आदि के माध्यम से एक निर्वाचित सरकार को गिराना राजनीतिक वेश्यावृत्ति है।
उन्होंने कहा, हम चुनाव का सामना करेंगे। सच्चाई सामने आएगी। हमारे साथ आज जो हुआ, वह कल आपके साथ हो सकता है।
केंद्र ने पुडुचेरी के खिलाफ भेदभाव
किया
विधानसभा में विश्वास मत से पहले पुडुचेरी के सीएम नारायणसामी ने केंद्र पर हमला बोला। केंद्र शासित विधानसभा में मुख्यमंत्री ने पांच मुद्दे उठाए, जिनमे अपर्याप्त धनराशि आवंटित, प्रदेश को वित्तीय संकट में धकेल दिया गया, कल्याणकारी योजनाएं अवरुद्ध, केंद्र द्वारा हिंदी थोपना तथा केंद्र द्वारा भेदभाव शामिल थे।
पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी विश्वास मत चाहते हैं। उन्होंने जोर देकर कहते हैं कि उनके पास बहुमत है। नारायणसामी ने विश्वास मत के दौरान केंद्र पर हुए हमले में कहा, केंद्र ने केंद्र शासित प्रदेश को वित्तीय संकट में धकेल दिया। केंद्र ने केंद्र सरकार को धन उपलब्ध नहीं कराया।
नारायणसामी ने अपनी सरकार द्वारा कोविड-19 स्थिति को संभालने के लिए किए गए प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपनी सरकार द्वारा की गई विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी। कई लोग कह रहे हैं कि मैंने कुछ नहीं किया, लेकिन हमने किसानों, व्यापारियों आदि के कल्याण के लिए बहुत कुछ किया है। एलजी किरण बेदी और केंद्र सरकार ने लगातार यहां की चुनी हुई सरकार को कमजोर करने और तोड़फोड़ करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि हमारे विधायकों ने एक साथ खड़े होकर 5 साल पूरे किए।