नई दिल्ली। आयकर विभाग ने मुंबई स्थित एक समूह के परिसर में छापा मारकर तलाशी ली। यह समूह मुख्य रूप से आतिथ्य क्षेत्र में कार्य करने के अलावा गुटखा, पान मसाला और संबद्ध पदार्थों के विनिर्माण व्यवसाय में लगा हुआ है। तलाशी भारत में अनेक स्थानों पर ली गई। तलाशी और जब्ती की कार्रवाई मेंटैक्स-हेवन ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स (बीवीआई) में पंजीकृत एक कंपनी के पास पड़ी विदेशी संपत्तियों का पता लगा जिसका दुबई में एक कार्यालय है और जो समूह के अध्यक्ष द्वारा नियंत्रित और प्रबंधित है। बीवीआई कंपनी की शुद्ध सम्पत्ति 830 करोड़ रुपये की है जिसे भारत से बेइमानी से धन निकालकर बनाया गया है। इस धनराशि को समूह की प्रमुख कंपनियों में 638 करोड़ रुपये के शेयर प्रीमियम के रूप में भारत में राउंड ट्रिप किया गया। तलाशी की कार्रवाई के दौरान, विभिन्न डिजिटल साक्ष्य और फोरेंसिक विश्लेषणों से ईमेल सम्पर्क मिला है, जिससे समूह के प्रमोटर के साथ कंपनी का नियंत्रण और प्रबंधन साबित होता है। कर्मचारियों में से एक, जो बीवीआई कंपनी में एक शेयरधारक भी था, की पहचान कर ली गई और प्रमोटर के साथ उससे पूछताछ की जा रही है। इसमें शामिल पक्षों द्वारा यह स्वीकार किया गया है कि कर्मचारी को कंपनी में शेयरधारक होने के बारे में पता नहीं था और उसने मुख्य प्रमोटर के निर्देश पर कागजात पर हस्ताक्षर किए थे। इसके अलावा, यह पाया गया है कि समूह ने आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80आईसीके तहत रुपये में 398 करोड़ रुपये की फर्जी कटौती का लाभ उठाया है। समूह ने हिमाचल प्रदेश में 2 संस्थाओं की स्थापना की और वह फर्जी कटौती का दावा करने के लिए नकली लेनदेन में लिप्त पाई गई है। तलाशी के दौरान, उपरोक्त के अलावा, समूह के 2 कारखाने परिसरों में 247 करोड़ रुपये मूल्य के पान मसाला के बेहिसाब उत्पादन का भी पता चला है। यह भी देखा गया है कि कर निर्धारिती ने गांधी धाम इकाई में 63 करोड़ रुपये की राशि का आयकर कानून, 1961 के यू/एस 10एए में फर्जी तरीके से कटौती का दावा किया। तलाशी कार्रवाई के दौरान, 13 लाख रुपये जब्त किए गए हैं और 7 करोड़ रुपये के आभूषण पाए गए और इन्हें निषेधाज्ञा के तहत रखा गया है। निषेधाज्ञा के आदेश 16 लॉकरों और 11 परिसरों में भी रखे गए हैं। इस प्रकार, तलाशी की कार्रवाई से अब तक लगभग 1500 करोड़ रुपये के बेहिसाब लेनदेन का पता चला है।