नई दिल्ली। केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी, संचार और विधिएवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद की अध्यक्षता मेंमोबाइल फोन पर अवांछित संदेशों,एसएमएस के जरिए बार-बार उत्पीड़न किये जाने, धोखाधड़ी वाले ऋण लेनदेन का वादा करने आदि सेजुड़ी उपभोक्ताओं की बढ़ती चिंता और नाराजगी को दूर करने और इन सबसे भी ऊपर डिजिटल लेनदेन को सुरक्षित और संरक्षित बनाने के उद्देश्य सेआज एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। सचिव (टी), सदस्य (टी) और डीडीजी (एक्सेस सर्विस) ने भी इस बैठक में भाग लिया। बैठक में,केन्द्रीय संचार मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे दूरसंचार उपभोक्ताओं के उत्पीड़न में शामिल व्यक्तियों और टेलिमार्केटिंग कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। उपभोक्ताओं के उत्पीड़न के तरीकों में अवांछित वाणिज्यिक संदेश या कॉल शामिल हैं। इसके अलावा, केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि दूरसंचार संसाधनों का उपयोग वित्तीय धोखाधड़ी करने और आम आदमी की मेहनत की कमाई को ठगने के लिए भी किया जा रहा है। इस तरह की गतिविधियों को तत्काल रोकने के लिए अधिकारियों को सख्त और ठोस कार्रवाई करने के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए गए। अधिकारियों ने बताया कि यहां तक कि डू –नॉट डिस्टर्ब (डीएनडी) सेवा में पंजीकृत ग्राहकों को भी पंजीकृत टेली-मार्केटर्स (आरटीएम) की ओरसे वाणिज्यिक संवाद मिलना जारी है और इसके अलावा गैर – पंजीकृत टेली-मार्केटर्स (यूटीएम) भी ग्राहकों को वाणिज्यिक संवाद भेज रहे हैं। केन्द्रीय संचार मंत्री ने दूरसंचार विभाग के अधिकारियों को दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) और टेलिमार्केटिंग कंपनियों के साथ एक बैठक कर उन्हें इस मुद्दे की गंभीरता से अवगत कराने और इस संबंध में निर्धारित नियमों और प्रक्रियाओं के अनुपालन को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। नियमों और प्रक्रियाओं के अनुपालन में किसी भी उल्लंघन के मामले में, टेलिमार्केटिंगकरने वालोंके खिलाफ वित्तीय जुर्माना लगाने और उल्लंघन का दोहराव होने पर संसाधनों की सुविधा को काट दिए जाने का प्रस्ताव किया गया।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अवांछित वाणिज्यिक संचार (यूसीसी) और दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग के जरिए किए जा रहे वित्तीय धोखाधड़ी से कारगर तरीके से निपटने के लिए एक वेब / मोबाइल एप्लिकेशन और एसएमएस आधारित प्रणाली विकसित की जायेगी। इससे दूरसंचार उपभोक्ताओं को यूसीसीसे जुड़े मामलों से जुड़ी अपनी शिकायतें दर्ज कराने में मदद मिलेगी। मंत्री ने दूरसंचार संसाधनों के उपयोग के सहारे की जाने वाली धोखाधड़ी की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए जामताड़ा और मेवात के इलाकों में बढ़ती चिंताओं के कारण दूरसंचार सेवाओं के परिचालन (ऑपरेशन) को अवरुद्ध करने सहित विशेष रणनीति तैयार करने का भी निर्देश दिया। अधिकारियों ने केन्द्रीय मंत्री को इस तथ्य से अवगत कराया कि यूसीसी और वित्तीय धोखाधड़ी से संबंधित शिकायतों के लिए, समय अत्यंत ही महत्वपूर्ण तत्व है और त्वरित समयबद्ध कार्रवाई से इस तरह के खतरों को कम करने में मदद मिलेगी। इसी के अनुरूप, डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट (डीआईयू) नाम की एक नोडल एजेंसी की स्थापना की जाएगी। डीआईयू का मुख्य कार्य दूरसंचार संसाधनों से संबंधित किसी भी धोखाधड़ी की गतिविधि की जांच में विभिन्न एलईए, वित्तीय संस्थानों और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के साथ मिलकर काम करना होगा। लाइसेंस सेवा क्षेत्र स्तर पर, टेलीकॉम एनालिटिक्स फॉर फ्रॉड मैनेजमेंट एंड कंज्यूमर प्रोटेक्शन (टैफकॉप)सिस्टम भी विकसित की जाएगी।