दारोगा की चेहरे पर सिर से वार भाग रहा था
लखनऊ। राजधानी के चर्चित विभूतिखंड इलाके में मोहम्मदाबाद गोहाना के पूर्व जेष्ठ प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड का मुख्य आरोपित शूटर गिरधारी पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। गिरधारी तीन दिन की रिमांड पर लाया गया था। पुलिस अभिरक्षा से फरार होने की कोशिश में सोमवार तड़के करीब तीन बजे मार गिराया गया। रिमांड के दौरान गिरधारी ने कबूला कुंटू सिंह और सफेदपोश का पूरा कनेक्शन बताया था। बता दें, गिरधारी के एनकाउंटर की कहानी कानपुर के बिकरू कांड के आरोपी विकास दुबे के मुठभेड़ जैसी ही है। विकास दुबे को भी असलहा छीनकर भागने के प्रयास के दौरान मार गिराया गया था।
पिस्टल छीनकर जंगल में भागा शूटर, शुरू हुआ चूहे-बिल्ली का खेल:
दरअसल, हत्याकांड में इस्तेमाल असलहा बरामदगी के लिए शूटर गिरधारी को कार से पुलिस अभिरक्षा में ले जाया जा रहा था। गोमतीनगर थानाक्षेत्र के खरगापुर रेलवे क्रासिंग के पास पहुंचते ही कार रुकी। पुलिस टीम के साथ गिरधारी उतर ही रहा था कि एकाएक उसने सिर झटकते हुए दारोगा अख्तर उस्मानी के चेहरे पर प्रहार किया। नाक पर सिर के प्रहार से दारोगा को गंभीर चोट आयी। नकसीर फूटने से वह खून से लथपथ हो गए। पुलिस टीम जबतक कुछ समझती गिरधारी ने दारोगा अख्तर उस्मानी की पिस्टल छीन ली।
पिस्टल छीनकर वह जंगल की ओर भागा। गिरधारी फायरिंग करता हुआ झाड़ियों में जाकर छिप गया। यह देख टीम में शामिल दारोगा अनिल सिंह ने अपनी टीम के साथ गिरधारी का पीछा किया और कंट्रोल रूम को सूचना देकर पुलिस बल मंगाया। गिरधारी झाड़ियों में छिपकर पुलिस पर फायरिंग कर रहा था।
पुलिस ने गिरधारी को सरेंडर होने के लिए कहा। फोर्स आने के बाद पुलिस ने उस स्थान की घेराबंदी की, जहां गिरधारी झाड़ियों में छिपा था। जवाबी कार्यवाही में पुलिस ने भी फायरिंग शुरू कर दी। गिरधारी को गोलियां लगते ही वह चीखता हुआ झाड़ियों में धरासाई हो गया। निढाल होने पर पुलिस टीम असलहा ताने गिरधारी के पास पहुंची। उसे हिलाया-डुलाया। सांसे चल रहीं थीं। पुलिस टीम आनन फानन उसे लोहिया अस्पताल लेकर पहुंची। जहां, डॉक्टरों ने गिरधारी को मृत घोषित कर दिया।
बीते रविवार को दूसरे दिन रिमांड पर अजीत हत्याकांड के मुख्य शूटर गिरधारी से पुलिस अधिकारी और विवेचकों ने लंबी पूछताछ की। रिमांड पर लिए जाने की सूचना पर वाराणसी पुलिस भी सुबह ही पहुंची। वाराणसी पुलिस ने क्षेत्र नितेश हत्याकांड में पूछताछ की। उससे संबंधित भी गिरधारी ने कई जानकारियां दी। पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त मोबाइल क्षेत्र स्थित अलकनंदा अपार्टमेंट से बरामद कर लिया है। मोबाइल में पुलिस को कई शूटरों के नंबर मिले हैं। उनकी पड़ताल की जा रही है। बताया जा रहा है कि मोबाइल से सिर्फ पांच कॉल ही पूरे हत्याकांड में की गई थीं। शूटर गिरधारी से सोमवार को भी पूछताछ जारी रहेगी।
पूछताछ में सामने आया है कि आरोपित गिरधारी अपनी गिरफ्तारी देने के लिए ही दिल्ली भागा था। वारदात के बाद उसके पास फोन आया कि तुरंत लखनऊ से भागकर दिल्ली पहुंचो। वहां स्थित एक शॉपिंग माल में पुलिस भी पहुंच रही है। मामले की जांच में जुटे विवेचक ने बताया कि यह पता लगाया जा रहा है कि वह फोन किसका था। इसके बारे में जानकारी की जा रही है।
पूर्व सांसद के करीबी समेत अन्य की तलाश :
इंस्पेक्टर विभूतिखंड ने बताया कि मामले में फरार चल रहे बाहुबली एवं पूर्व सांसद धनंजय सिंह के करीबी विपुल सिंह, शूटर मुस्तफा, शिवेंद्र एवं राजेश तोमर समेत अन्य की तलाश में पुलिस की टीमें दबिश दे रही हैं। जल्द ही इन आरोपितों की भी गिरफ्तारी की जाएगी।
ज्ञातव्य है कि बीती छह जनवरी की रात विभूतिखंड क्षेत्र में कठौता चौराहे के पास मऊ जिले के गोहना के पूर्व जेष्ठ प्रमुख अजीत सिंह और उसके साथी मोहर सिंह पर शूटरों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं। अजीत को 25 गोलियां मारी गई थीं। मामले में मोहर सिंह की तहरीर पर आजमगढ़ के कुंटू सिंह, अखंड सिंह, शूटर गिरधारी समेत छह लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस अब तक मामले में चार लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं, मुख्य शूटर गिरधारी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इंस्पेक्टर विभूतिखंड चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने शूटर गिरधारी को सीजेएम कोर्ट में पेश किया था। उसके बाद वहां से उसे लखनऊ जिला जेल भेज दिया गया। शनिवार सुबह 11 बजे उसे रिमांड पर 16 फरवरी सुबह 11 बजे तक लिया गया था।