नई दिल्ली। सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत के लिए अच्छी खबर है कि चीन में फंसे 16 भारतीय नाविक की जल्द ही घर वापसी होने वाली है। बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्री मनसुख मांडविया ने जानकारी दी है कि चीनी बंदरगाह में फंसे एमवी अनस्तासिया के 16 भारतीय नाविक 14 फरवरी को वापस आएंगे। मांडविया ने कहा कि मालवाहक पोत एमवी अनस्तासिया जापान से आज यात्रा शुरू करने वाला है और 14 फरवरी को भारत पहुंचेगा। एम वी अनस्तासिया पोत काओफिडीयन बंदरगाह पर 20 सितंबर से खड़ा है।
मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्वीट कर न सिर्फ यह खुशखबरी दी है, बल्कि इस प्रयास के लिए चीन और शिपिंग कंपनी एमएससी की सराहना की है। बता दें कि इसी सप्ताह चीन के अधिकारियों ने कार्गो पोत पर फंसे एमवी अनस्तासिया के 16 नाविकों को क्रू बदलने की इजाजत दे दी थी। चीनी बंदरगाह काओफिडीयन पर पिछले साल सितंबर से यह पोत लंगर डाले खड़ा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि क्रू बदलने की प्रक्रिया जल्दी ही पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने कहा था कि बीजिंग में हमारे दूतावास द्वारा लगातार की गई बातचीत के बाद चीन के अधिकारियों ने क्रू परिवर्तन के लिए मंजूरी देने के निर्णय से तांगशान में स्थित विदेश कार्यालय और बंदरगाह अधिकारियों को अवगत करा दिया है।
चीन ने बनाया था कोरोना का बहाना
हालांकि, इससे पहले चीन के बंदरगाह के बाहर काफी महीनों से फंसे भारतीय नाविकों को लेकर कोरोना का बहाना बनाता रहा। सीमा पर तानाव को लेकर चीन कहा था कि चीनी बंदरगाह पर ऑस्ट्रेलियाई कोयले से लदे जहाज के फंसे होने के पीछे दोनों देशों के बीच बॉर्डर पर गतिरोध से कोई संबंध नहीं है। चीन ने कहा था कि कोरोना महामारी की वजह से जहाज फंसे हुए हैं।
दो भारतीय जहाज अटके थे
बता दें कि दो भारतीय जहाज जिनमें एक एमवी जग आनंद और एमवी अनास्तासिया है, जो कि कोरोना काल में जिंगतांग बंदरगाह पर फंस गया। जहाज के अटके होने की वजह से चालक दल समेत कुल 39 भारतीय हेबेई के उत्तरी प्रांत में जिंगटांग और कॉफिडियन के चीनी बंदरगाहों से पानी में फंसे हुए थे। हालांकि, एमवी जग आनंद की घर वापसी हो चुकी है और अब बस अनास्तासिया की घर वापसी हो रही है, जिस पर 16 नाविक सवार है।