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मुंगेली कलेक्टर ने कहा निर्माण कार्यो की गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं…और कलेक्टर कार्यालय के बगल में ही लाखों का भ्रष्टाचार…क्या AC हाल या बंद कमरों तक ही सीमित रहता हैं कलेक्टर का निर्णय ? जिला प्रशासन ने खुद आंखों में बांध रखी हैं भ्रष्टाचार की पट्टी…?

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मुंगेली/ अभी हाल ही में दो दिनों पहले मुंगेली कलेक्टर ने जिला कलेक्टोरेट स्थित मनियारी सभा कक्ष में विभिन्न निर्माण विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर अधोसंरचना एवं निर्माण कार्यो की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में उन्होने कहा कि कहा कि निर्माण कार्यो की गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होने निर्माण कार्य को पूर्ण गुणवत्ता के साथ निर्धारित अवधि में पूरा करने के निर्देश दिये। बैठक में उन्होने निर्माण स्थल पर कार्य का नाम , स्वीकृत राशि, निर्माण की अवधि का स्पष्ट उल्लेख करते हुए सूचना पटल लगाने तथा लगातार भ्रमण कर निर्माण कार्यो का सतत् निरीक्षण करने के निर्देश दिये। बैठक में उन्होने सांसद एवं विधायक मद से स्वीकृत, निर्मित और निर्माणाधीन कार्यो के संबंध में भी जानकारी प्राप्त की और स्वीकृत कार्यो को शीघ्र प्रारंभ करने तथा निर्माणाधीन कार्यो को निर्धारित अवधि में पूरा करने के निर्देश दिये। बैठक में उन्होने कहा कि जिला मुख्यालय के मुंगेली के खर्राघाट में सांसद मद से सास्कृतिक मंच का निर्माण किया जाएगा। इस संबंध में उन्होने संबंधित निर्माण एंजेसी को आवश्यक निर्देश दिये। बैठक में उन्होने स्वास्थ्य विभाग के स्वीकृत उपस्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, हेल्थ वेलनेश सेंटर और स्टाॅफ क्वाटरो के बारे में जानकारी प्राप्त की और उन्होने स्वीकृत कार्यो को अति शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिये। बैठक में कलेक्टर श्री एल्मा ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के स्वीकृत और निर्माणाधीन कार्यो के संबंध में जानकारी प्राप्त की। उन्होने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता संजीव बृजपुरिया को ग्रीष्म ऋतु के पूर्व खराब हेंडपंपों, नल जल योजना और विभिन्न जल स्त्रोतों का मरम्मत एवं जीर्णोद्धार करने के निर्देश दिये। बैठक में उन्होने लोक निर्माण विभाग के स्वीकृत और निर्माणाधीन कार्यो की प्रगति की जानकारी प्राप्त की। उन्होने निर्माणाधीन कार्यो को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिये। इसी तरह उन्होने ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, जलसंसाधन विभाग, शिक्षा विभाग तथा जिले के नगरीय निकायों एवं जनपद पंचायतों के अंतर्गत निर्माण कार्यों के स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति, आबंटन, व्यय राशि, पूर्ण एवं प्रगतिरत कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी प्राप्त की और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। इस अवसर पर संयुक्त कलेक्टर तीर्थराज अग्रवाल ने निर्माण विभाग के अधिकारियों को प्रति सप्ताह कार्यो की प्रगति के संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी जी.पी.भारद्वाज, जलसंसाधन विभाग के कार्य पालन अभियंता सलीम, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन अभियंन्ता पी. के. शर्मा, लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता ए.के.चौरसिया, सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक आर के. भूआर्य, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक उत्कर्ष तीवारी सहित सभी जनपद पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी और नगरीय निकायों के सभी मुख्य नगर पालिका अधिकारी उपस्थित थे।

अब यहाँ पर महत्त्वपूर्ण बात यह हैं कि जब कलेक्टर द्वारा मीटिंग के दौरान यह कहा जा रहा हैं कि निर्माण कार्यो की गुणवत्ता पर कोई समझौता नही किया जाएगा, तो उनके ही कलेक्टर कार्यालय से लगकर हो रहे निर्माण कार्य में गुणवत्ता की अनदेखी कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया हैं और कलेक्टर को इस बारे में जानकारी न हो तो यह बेहद ही आश्चर्य भी हैं और शर्मनाक भी…
मुंगेली जिले में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर हैं, यह बात शायद सभी जानते हैं अधिकांश विभागों के भ्रष्टाचार का खुलासा आये दिन पत्रकारों द्वारा किया जाता हैं परंतु मामला संज्ञान में आने के बाद भी जिला प्रशासन एवं संबंधित विभाग के अधिकारी अपनी चुप्पी साध लेते हैं जिसके कारण भ्रष्टाचारियों का मनोबल और बढ़ता जा रहा हैं।
अभी हाल ही में मुंगेली कलेक्टर कार्यालय के बगल में मेन रोड पर स्थित करही नाला में दोनों साइड पर पिचिंग कार्य 6-7 महीने पहले ही किया गया, जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति 9.24 लाख थी तथा क्रियान्वयन एजेंसी सरपंच ग्राम पंचायत करही हैं, यह कार्य दिनांक 01.12.2019 को प्रारंभ होकर 20.03.2020 को कार्य पूर्ण होना सूचना पटल पर प्रदर्शित हैं, इस कार्य की निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत करही हैं, यह वही करही पंचायत हैं जहाँ मुंगेली जिले के लगभग प्रमुख कार्यालय हैं, कलेक्टर और जनपद कार्यालय से लगे इस नाले पर हुए पिचिंग कार्य में भारी अनियमितता और भ्रष्टाचार की गई हैं कार्य हुए अभी 3-5 महीने ही हुए थे और पिचिंग कार्य उखड़ चुका हैं, कई जगह गड्ढा भी हो चुका हैं, साथ ही पिचिंग कार्य में इस कदर भ्रष्टाचार किया गया हैं कि कोई भी देखते ही बता देगा कि इस कार्य में अनियमितता बरती गई हैं, पिचिंग में सपोर्ट के लिए जो स्लाइडिंग पिल्हर लगाना चाहिए वो कई जगहों पर नही लगाया गया हैं, ताज्जुब की बात तो यह हैं कि निर्माण एजेंसी को इतना भी भय नही कि कलेक्टर और जनपद कार्यालय से जुड़े इस नाले में भ्रष्टाचार को अंजाम देने से क्या हो सकता हैं ? या इस भ्रष्टाचार में भी बड़े अधिकारियों की मिलीभगत शामिल हैं ? क्योंकि जिला मुख्यालय के बगल में मुख्य मार्ग पर इतने बड़े भ्रष्टाचार पर किसी की नजर न गई हो यह संदेहास्पद हैं बहरहाल जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों को चाहिए कि मामलें को संज्ञान लेकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए। पूर्व में भी इस भ्रष्टाचार को प्रकाशित किया जा चुका हैं जिस पर भ्रष्ट अफसरों पर तत्काल मरम्मत के बहाने उखड़ गए पिचिंग में थूक-पॉलिश का काम किया गया था,
इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि जब कलेक्टर कार्यालय के बगल में ही लाखों का भ्रष्टाचार हो गया और कलेक्टर AC हाल में बैठक लेकर भ्रष्टाचार पर नकेल कसने की बात करते हुए नसीहत दे रहे हो तो ये हास्यास्पद लगता हैं क्योंकि गुणवत्तापूर्ण कार्य केवल बैठक लेने से नहीं बल्कि निर्माण कार्यो के निरीक्षण और गलती पाए जाने पर कार्यवाही से हो सकेगी, इस बात को मुंगेली कलेक्टर को भी समझना होगा। मुंगेलीवासियों ने कहा कि कलेक्टर कार्यालय के बगल में ही जब निर्माण कार्यो में भ्रष्टाचार किया जा रहा तो ऐसे में यह प्रतीत हो रहा कि जिला प्रशासन अपनी आंखों में भ्रष्टाचार की पट्टी बांध लिया हैं।