गोरखपुर। चौरीचौरा शताब्दी महोत्सव का आज भव्य आगाज होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महोत्सव का वर्चुअल उद्घाटन करके डाक टिकट जारी करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में महोत्सव की शुरूआत होगी। इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री बुधवार को ही गोरखपुर आ गए। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल वर्चुअल जुड़ेंगी। यह महोत्सव पूरे साल चलेगा। अलग-अलग दिन कार्यक्रम होंगे। प्रधानमंत्री का संबोधन भी होगी।
चौरीचौरा घटना के 100 साल पूरे होने के अवसर पर बृहस्पतिवार से साल भर तक गोरखपुर समेत प्रदेश के सभी जिलों में अलग-अलग कार्यक्रम होंगे। चौरीचौरा शहीदों के सम्मान में यह अब तक का सबसे बड़ा कार्यक्रम होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर पहला मौका है जब समूचा प्रदेश शहीदों को सम्मान देने के लिए एक साथ आगे बढ़ा है। महोत्सव की तैयारियां बुधवार देर रात तक पूरी कर ली गईं। पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी व प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम देर रात तक शहीद स्थल पर डटे रहे।
कमिश्नर जयंत नार्लिकर ने भी तैयारियों की समीक्षा की है। कमिश्नर के मुताबिक बुधवार को सुबह 8:30 बजे विभिन्न स्कूल-कॉलेजों के बच्चे और लोक कलाकार चौरीचौरा शहीद स्मारक तक प्रभात फेरी निकालेंगे। शाम को पुलिस बैंड द्वारा राष्ट्रधुन का वादन होगा। शाम छह बजे चौरीचौरा समेत जिले के सभी शहीद स्थलों को दीपों से रोशन किया जाएगा। शहीदों एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को सम्मानित भी किया जाएगा।
00 कुछ इस तरह हुई थी चौरीचौरा की घटना :
चार फरवरी 1922 को चौरीचौरा के भोपा बाजार में सत्याग्रही जुटे थे। उन्हीं में से एक की गांधी टोपी को एक सिपाही ने पांवों तले रौंद दिया था। इसी पर सत्याग्रही आक्रोशित हो उठे और उन्होंने पुलिसवालों को दौड़ा लिया। पुलिसवाले भागकर थाने में छिप गए। थाने को सत्याग्रहियों ने घेर लिया। पुलिस ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें तीन सत्याग्रही मौके पर शहीद हो गए। घटना में 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। गुस्साए क्रांतिकारियों ने पुलिस चौकी को आग लगाकर दारोगा समेत 23 पुलिसकर्मियों को जला दिया था, जिसमें 19 लोगों को फांसी की सजा हुई थी।
00 इन पुलिसवालों की हुई मौत :
थानेदार गुप्तेश्वर सिंह, उपनिरीक्षक सशस्त्र पुलिस बल पृथ्वी पाल सिंह, हेड कांस्टेबल वशीर खां, कपिलदेव सिंह, लखई सिंह, रघुवीर सिंह, विशेषर राम यादव, मोहम्मद अली, हसन खां, गदाबख्श खां, जमा खां, मगरू चौबे, रामबली पांडेय, कपिल देव, इंद्रासन सिंह, रामलखन सिंह, मर्दाना खां, जगदेव सिंह, जगई सिंह, और उस दिन वेतन लेने थाने पर आए चौकीदार बजीर, घिंसई, जथई व कतवारू राम की मौत हुई थी।