क्या भूपेश सरकार की जनहितैषी योजनाओं से डगमगायेगा भाजपा की सीट, बिंद्रानवागढ़ की झोली में कांग्रेस या भाजपा का क़ब्ज़ा
कन्हैया तिवारी की रिपोर्ट
गरियाबंद
पूरे प्रदेश भर में विधानसभा चुनाव के समय दिलचस्प नजारा बिंद्रनावगढ़ विधानसभा में देखने को मिलता है प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा टक्कर है , इस बीच गरियाबंद जिले के दो विधानसभा सीटों बिन्द्रानवागढ़ और राजिम पर भी तैयारियां जोरों पर है , भाजपा ने गरियाबंद जिले के पहले सीट राजिम विधानसभा से अपने प्रत्याशी रोहित साहू के नाम की घोषणा कर दी है , वहीं गरियाबंद जिला का दूसरा बिन्द्रानवागढ़ सीट जो की भाजपा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और यह भाजपा का अभेद किला के रूप में जाना जाता है । और इसकी चर्चा जोरो से होती है इस बिन्द्रानवागढ़ सीट पर घोषणा अभी बाकी है, अभी भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टी अपने प्रत्याशी को लेकर एक दूसरे पर नज़र बनाये रखे है
बिन्द्रानवागढ़ सीट को लेकर ज़ोरो पर है चर्चा, भाजपा या कांग्रेस किसके झोली में आएगा यहाँ का सीट :
प्रदेश में भूपेश सरकार के योजनाओ और किसानों को मिले सीधे लाभ से भाजपा का गढ़ कहे जाने वाला बिन्द्रानवागढ़ का समीकरण भी तेजी से बदलता नजर आ रहा है,
वही दूसरी ओर वर्तमान में सीधे साधे भाजपा विधायक डमरूधर पुजारी का क्षेत्रीय मूलभूत समस्याओं पर चुप्पी साधकर मौन पांच वर्षों का कार्यकाल काटना भी विन्द्रानवागढ़ को ख़तरा से ख़ाली नहीं है, ऐसे में भाजपा का गढ़ माना जाने वाला यह सीट फिलहाल भाजपा के हाथ से फिसलता हुआ नजर आ रहा है !
यह बिन्द्रानवागढ़ कांग्रेस के लिए अच्छी खबर साबित सकती है हालाकि बिन्द्रानवागढ़ सीट के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने अपने प्रत्याशी की घोषणा अब तक नहीं किया है इस बार यहां के चुनाव परिणाम प्रत्याशी के नाम पर निर्भर होगा।और देखना होगा कि किसके झोली में होगा बिन्द्रानवागढ़ ,भाजपा या कांग्रेस।
भाजपा में लगातार उठने लगी प्रत्याशी परिवर्तन की मांग
वर्तमान भाजपा विधायक डमरूधर पुजारी का क्षेत्रीय मूलभूत समस्याओं पर चुप्पी साधकर मौन पांच वर्षों का कार्यकाल को देख कर कार्यकर्ताओं और आमजनताओ में प्रत्याशी बदलने की माँग लगातार उठने लगी है
बिंद्रानवागढ़ भाजपा कार्यकर्ताओं की पहली पसंद के रूप में पूर्व संसदीय सचिव एवं विधायक गोर्वधन मांझी का नाम सामने आ रहा है, पिछली भाजपा सरकार में संसदीय सचिव रहते गोवर्धन मांझी ने अपने पंचवर्षीय कार्यकाल में विकास के पिटारा खोल दिये थे ,कहा जाये तो बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा में पहली बार विकास का पिटारा उसी समय खुला जब गाँव गाँव में माँझी ने विकास कार्य की लड़ी बिछा दी थी और विकास में सबसे खास बात यह रहा कि बहुप्रतीक्षित मांग व अनेको कार्य पूरे हुए । गोवर्धन माँझी के संसदीय सचिव बनने के बाद पूरे विधान सभा क्षेत्र को लगभग 14 अरब का सौगात प्राप्त हुवा ,गोवर्धन मांझी ने क्षेत्र के विकास में अहम भागीदारी प्रस्तुत करते हुए मिशाल पेश किया। जानता के हिसाब से गोवर्धन मांझी भाजपा के इकलौते ऐसे विधायक थे जिन्होंने अपने कार्यकाल में बिंद्रानवागढ़ के कोने-कोने में पहुंचकर लोगों की समस्याओं से रूबरू होते हुए उनके हर समस्याओं का निदान तत्काल किया था। जबरदस्त प्रशासनिक क्षमता और कुशल नेतृत्व के चलते आज भी विधानसभा क्षेत्र के जनता व पार्टी कार्यकर्ताओ के लिए पहली पसंद बने गोवर्धन माँझी हीं हैं।
समाज से मिला अपार समर्थन : क्षेत्र में बहुलता वाले गोंड समाज , माली समाज ,यादव समाज , अन्य समाज के लोगो का गोवर्धन मांझी को अपार समर्थन प्राप्त हैं !
बिंद्रा नवाँगढ़ की जनता व भाजपा पार्टी कार्यकर्ताओं की मांग पर इस चुनाव में गोवर्धन मांझी को प्रत्याशी के रूप में अवसर देने पर भाजपा अपनी सीट बचाने में कायम रहेगी ।
मांझी होंगे भाजपा के संकट मोचन-: वर्तमान विधायक डमरूधर पुजारी के द्वारा क्षेत्रीय समस्याओं पर खुलकर ज्यादा बात ना कर पाना ही उनके टिकट कटने का मुख्य कारण माना जा रहा है, हालाकि अभी तस्वीर साफ नहीं है कि डमरूधर का टिकट काटा जा सकता है, लेकीन विधायक जी के कामकाज से नाराज जनता की नब्ज टटोलने के बाद पूर्व संसदीय सचिव गोवर्धन मांझी को उम्मीदवार बनाए जाने की खबरों ने जोर पकड़ लिया है, आमजनों का यह भी कहना है कि गोवर्धन मांझी ने जिस तरह अपने कार्यकाल में काम कर विकास की नई गाथा लिखी थी, उस विकास की नई इबारत के बदौलत गोवर्धन मांझी ही बिन्द्रानवागढ़ में संकट मोचक बनकर तेज़ी से बदल रहे समीकरण पर विराम लगाकर उस सीट को भाजपा के पाले में ला सकते है।