रायपुर
भूपेश सरकार के घोटालों को लेकर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने पत्रकारवार्ता में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने प्रमुख रूप से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में कांग्रेस सरकार की नीति और नीयत पर निशाना साधते हुए 600 करोड़ रुपए के पीडीएस घोटाले पर शासन को घेरा।
पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के 5000 करोड़ के चावल घोटाले पर भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र की सरकार ने कोविड महामारी के दौरान गरीब परिवारों के लिए जो मुफ्त राशन भेजा था वो उन तक पहुंचा ही नहीं उस कठिन समय में भी इस भ्रष्ट सरकार ने करीब 5000 करोड़ के चावल में सेंध लगाकर भ्रष्टाचार किया है। कैग की रिपोर्ट के अनुसार एनएफएसए प्राथमिकता परिवार (पीएचएच) केवल एक व्यक्ति – वाले राशन कार्ड धारक को 10 किलोग्राम, दो व्यक्ति वाले राशन कार्ड धारक को 20 किलोग्राम, तीन से पांच व्यक्ति वाले राशन कार्ड धारक को 35 किलोग्राम तथा 5 से अधिक व्यक्ति वाले को 7 किलोग्राम प्रति व्यक्ति प्रति माह चावल प्रदान किया जा रहा था। एनएफएसए-पीएचएच राशन कार्ड धारक को अतिरिक्त चावल का लाभ नहीं मिला तथा 3 से अधिक सदस्यों वाले राशन कार्ड धारक को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण (अन्न) योजना के तहत परिकल्पित 5 किलोग्राम प्रति व्यक्ति के स्थान पर 3 किलोग्राम प्रति व्यक्ति के दर से अतिरिक्त चावल प्राप्त हुआ। जिससे राज्य में कुल 31.05 लाख एनएसएफए-पीएचएच (1 से 3 सदस्यों वाले राशन कार्ड धारक) हितग्राहियों को उतनी ही मात्रा में चावल प्रदान किया गया जितना कि उन्हें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण (अन्न) योजना के क्रियान्वयन से पहले प्राप्त हो रहा था।
इस प्रकार राज्य योजना में संशोधन के कारण राज्य में 167.32 लाख एनएफएसए पीएचएच हितग्राही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण (अन्न) योजना के तहत अपेक्षित अतिरिक्त सहायता से लाभान्वित नहीं हुए थे। साथ ही कैग की रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि 2.54 लाख परिवार को 17,803 क्विंटल चना का वितरण नहीं किया गया था विभाग के द्वारा 80 प्रतिशत उचित मूल्य दुकानों में मासिक निरीक्षण नहीं किया गया था तथा निरीक्षण पंजी का संधारण भी नहीं किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि पीडीएस घोटाले में प्रदेश की सरकार झूठ बोल रही है क्योंकि जब केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने जांच टीम भेजो और उसकी रिपोर्ट आई है तब उसमें साफ लिखा है कि केंद्रीय टीम ने जब छत्तीसगढ़ आकर इसकी जांच की तो सत्यापन के दौरान, सर्वर पर प्रदर्शित और उचित दर दुकानों पर उपलब्ध खाद्यान्नों की मात्रा में अंतर था। यह देखा गया कि 65,704 टन चावल और 3,310 टन चीनी का अंतर था।