जाते-जाते लोगों को दिया संदेश, चीन को दे गए झटका…
वाशिंगटन। अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश को सुरक्षित रखने और समृद्ध बनाने में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के सफल रहने की प्रार्थना की और उन्हें शुभकामनाएं दीं। ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी लोगों को अपने साझा मूल्यों के प्रति एकजुट होना चाहिए और पक्षपातपूर्ण नफरत की भावना से ऊपर उठना चाहिए। ट्रंप का यह विदाई भाषण व्हाइट हाउस ने मंगलवार को जारी किया। बाइडन आज यानी बुधवार को राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने वाले हैं। अपने संदेश में ट्रंप ने कहा कि राष्ट्रपति पद पर सेवाएं देना एक ऐसा सम्मान है जिसकी व्याख्या नहीं की जा सकती।
राष्ट्रपति बनाने के लिए शुक्रिया
कहा
ट्रंप ने कहा,इस अभूतपूर्व विशेषाधिकार के लिए आपका शुक्रिया। यह वास्तव में यही है- एक विशेषाधिकार और एक बड़ा सम्मान।
उन्होंने कहा,इस सप्ताह हमने एक नए प्रशासन का आरंभ किया। अमेरिका को सुरक्षित रखने और समृद्ध बनाने के लिए उनकी (बाइडन की) सफलता की कामना करता हूं। हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं और चाहते हैं कि वे सौभाग्यशाली रहें।
नफरत की भावना से ऊपर उठने की अपील की
ट्रंप ने 20 मिनट से कुछ कम वक्त के वीडियो में अमेरिकी कैपिटल (संसद भवन) पर अपने समर्थकों के छह जनवरी के हमले पर भी बात की। उन्होंने कहा, हमारे कैपिटल पर हमले से सभी अमेरिकी आतंकित हो गए थे। यह उन सभी चीजों पर हमला है जिन पर एक अमेरिकी होने के नाते हम गौरव महसूस करते हैं। इसे कभी भी बर्दाशत नहीं किया जा सकता अब पहले से कहीं ज्यादा हमें अपने साझा मूल्यों के इर्द-गिर्द एकजुट होना चाहिए और पक्षपातपूर्ण नफरत की भावना से ऊपर उठना चाहिए।
अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया
इस दौरान उन्होंने 20 जनवरी, 2017 से 20 जनवरी 2021 तक की अमेरिकी सरकार की अहम उपलब्धियों का जिक्र किया और कहा कि उनके प्रशासन ने किसी की सोच से भी कहीं ज्यादा हासिल किया।
जाते-जाते चीन को दे गए झटका, उइगर मुस्लिम के नरसंहार के लिए लगाया प्रतिबंध
डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता से जाते हुए भी चीन को करारा झटका दिया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन के पश्चिमी शिनजियांग प्रांत में रहने वाले अल्पसंख्यक मुस्लिम के नरसंहार के लिए चीन पर प्रतिबंध लगाया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि मुस्लिमों के प्रति नीतियों की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि मुस्लिमों के प्रति चीन के नरसंहार के समान है, जिसके लिए अमेरिका ने चीन पर प्रतिबंध लगाया है।