बेमेतरा। राष्ट्रीय दृष्टिहीनता और दृष्टिदोष नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत बेमेतरा जिला अस्पताल में लगभग 10 महीने बाद मोतियाबिंद का ऑपरेशन शुरु हो गया है। कोविड-19 के प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करते हुए मरीजों का ऑपरेशन किया गया है साथ ही आपरेशन से पूर्व कोरोना एंटीजन टेस्ट भी कराया जाता है। जिला अस्पताल में आज साजा ब्लॉक के निवासी 5 हितग्राहियों की आंखों का ऑपरेशन किया गया। विगत माह में 10 मरीजों की आंखों का सफल ऑपरेशन किया गया था । कोरोना की वजह से अस्पतालों में भीड़ कम रखने से एक दिन में 5 मरीजों का ही ऑपरेशन किया जा रहा है । नोडल अधिकारी (अंधत्व) नेत्र चिकित्सा अधिकारी डॉ समता रंगारी ने बताया, “मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए सप्ताह में मंगलवार व गुरुवार के दिन विकासखंड वार महीने में शिविर निर्धारित किया गया है। माह के प्रथम सप्ताह बेमेतरा, द्वितीय सप्ताह बेरला, तृतीय सप्ताह साजा एवं चतुर्थ सप्ताह विकासखंड नवागढ़ के लिए दिन निर्धारित किये गए है”।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा.सतीश शर्मा के मार्गदर्शन में अब तक 35 लोगों ने पंजीयन कराया है जिसमें से 15 लोगों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन शिविर में किया गया है। शिविर में नेत्र विशेषज्ञ डॉ समता रंगारी, नेत्र सहायक अधिकारी विजय कुमार देवांगन, दीपा शर्मा, राकेश साहू, विनोद साहू, लोकेश सोनवानी, स्टाफ नर्स श्रीमती अनीता बाघमार , कुमारी शीला साहू सहित ओटी स्टाफ की टीम सहयोगी रहें। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा.सतीश शर्मा ने बताया, , “जिला अस्पताल में मरीजों को डॉ. खूबचंद्र बघेल स्वास्थ्य योजना से फ्री इलाज की सुविधा मिल मिल रही है। इस योजना के तहत अंत्योदय राशन कार्ड धारको को 5 लाख रूपये तक का फ्री कैशलेस उपचार की व्यवस्था की गयी है। इसके साथ ही अन्य राशन कार्ड धारको को प्रति वर्ष 50,000 रूपये तक का स्वास्थ्य बीमा दिया जायेगा।
आज साजा विकासखंड के हितग्राहियों में चंद्रिका बाई जायसवाल, उमेंद देशलहरा, इंद्राणी बाई, नीराबाई व सालिक राम का मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के बाद मरीजों का रहने खाने एवं दवाई का खर्च डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना से निशुल्क किया जा रहा है। मरीजों को सिर्फ अपने साथ राशन कार्ड व आधार कार्ड लाना आवश्यक है। डॉ क्षमता रंगारी ने बताया, “दोनों आँखों में मोतियाबिंद से पीड़ित मरीज को आपरेशन में प्राथमिकता दी जा रही है अर्थात उनका पहले आपरेशन किया जा रहा है ।
मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने आयी हितग्राही महिला 60 वर्षीया चंद्रिकाबाई जायसवाल साजा ब्लॉक के ग्राम थानखम्हरीया की निवासी है। चंद्रिकाबाई ने बताया, “लगभग सालभर से आंखों के सामने धुंधला छा जाता था। इससे रात व शाम ढलते ही पास तक का कुछ दिखाई नहीं देता था जिससे कई बार किसी से टकराने से चोट भी खा जाती थी। लेकिन अब आपरेशन के बाद यह समस्या दूर हो जाएगी और मुझे दिखने लगेगा चंद्रिका बताती हैं आंखों का इलाज राशन कार्ड से हो गया”।
इसी तरह ग्राम बंदरसी से आए मरीज उमेंद्र देशलहरा उम्र 60 साल ने कहा, “सरकारी अस्पताल में निशुल्क इलाज मिलने से दोबारा अपनी आंखों से साफ साफ देखाई देने लगेगा। अब रोजी मजदूरी करने में कोई परेशानी नहीं होगा। उमेंद्र ने बताया, 6 महीने से ज्यादा हो गए आंखों से दिखाई नहीं दे रहा था। आज आपरेशन के बाद 3 दिन होने पर डिस्चार्ज किया जाएगा। उमेंद बताते हैं कि अब उसे लाठी के सहारे चलने की जरुरत नहीं पड़ेगी। ऑपरेशन होने से बहुत राहत महसूस कर रहा हूं। राशन कार्ड से बिना भटके ऑपरेशन की निशुल्क व्यवस्था होने कारण काफी खुशी मिली है”।
नोडल अधिकारी (अंधत्व) डा. समता रंगारी ने बताया, “लगभग 25 प्रतिशत व्यक्ति दृष्टिदोष से पीड़ित है, जिसे चश्में से ठीक किया जा सकता है। 16 वर्ष से कम आयु के लगभग 0.8 प्रति हजार बच्चे दृष्टिहीनता से पीड़ित है। प्रति हजार में 400 व्यक्ति मोंतियाबिंद से पीड़ित है। 75 प्रतिशत नेत्रहीनता को समय पर ध्यान देने से बचाया जा सकता है। 40 वर्ष एवं अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों को वर्ष में एक बार नेत्र परीक्षण कराना चाहिए। प्रति दिन सुबह उठकर व रात को सोते समय आंख व आंख के चारो ओर की त्वचा को साफ पानी से धोएं। आंखों और चेहरे को साफ करने के लिए साफ और अपना अलग तौलिया इस्तेमाल करें। धूप और बहुत तेज रोशनी से आंखों को बचाए। अच्छें किस्म के चश्में का उपयोग करें। आंखों को दुर्घटना से बचायें जैसेः-आतिशबाजी, तीर कमान, गिल्ली डंडा खेलते समय सावधानी बरतें। मोतियाबिंद से पीड़ित व्यक्ति को सही समय पर आपरेशन कराने से ठीक किया जा सकता है। अत्यधिक मोबाइल का उपयोग तथा तीव्र प्रकाश एवं असुरक्षित बल्ब के कारण आंखो में दर्द, चुभन, लाल होना, आंसू, दृष्टि में धुधलापल और सूजन की समस्या होती है, अतः सावधानी बरतें।