नई दिल्ली। तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों और सरकार के बीच सुलह कराने की सुप्रीम कोर्ट की कोशिश को झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया था, जो दोनों पक्षों के बीच सेतू का काम करेगी, लेकिन गुरुवार को चार सदस्यों में से एक भूपेंद्र सिंह मान ने अपना नाम वापस ले लिया। इसके साथ ही 15 जनवरी को होने वाली वार्ता पर सभी सस्पेंस गहरा गया है। सरकार वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन किसानों का कहना है कि कमेटी गठन मामले को टालने के लिए किया जा रहा है। बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार और मंगलार की लंबी बहर के बाद चार सदस्यों की कमेटी का गठन किया था, जिसमें भूपेंद्र सिंह मान के अलावा डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, अशोक गुलाटी और अनिल धनवत शामिल हैं। भूपेंद्र सिंह मान भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष हैं, वहीं डॉ. प्रमोद कुमार जोशी इंटरनेशनल पॉलिसी हेड हैं। अशोक गुलाटी कृषि अर्थशास्त्री हैं तो अनिल धनवत महाराष्ट्र के शेतकारी संगठन से जुड़े हैं।
इससे पहले मंगलवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी। वहीं कमेटी का गठन भी किया। किसान अभी भी मानने को राजी नहीं हैं। उन्होंने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परेड के मौके पर ट्रैक्टर मार्च का ऐलान भी किया है। सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर सोमवार को सुनवाई करेगा।