Home देश देश को प्रेरणा देते हैं स्वामी विवेकानंद के विचार : नरेंद्र मोदी

देश को प्रेरणा देते हैं स्वामी विवेकानंद के विचार : नरेंद्र मोदी

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राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव को पीएम मोदी ने किया संबोधित
नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आज दूसरे राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव के समापन कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के विचार देश को प्रेरणा देते हैं। राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव (एनवाईपीएफ) का उद्देश्य 18 से 25 साल के बीच के युवाओं के विचारों को सुनना है। जो मतदान करने का अधिकार रखते हैं और आने वाले सालों में सार्वजनिक सेवाओं सहित विभिन्न सेवाओं में शामिल होंगे।
पीएम मोदी ने कहा, आप सभी को राष्ट्रीय युवा दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं। स्वामी विवेकानंद की जन्म जयंती का ये दिन हम सभी को नई प्रेरणा देता है। आज का ये दिन विशेष इसलिए भी हो गया है कि इस बार युवा संसद देश की संसद के सेंट्रल हॉल में हो रही है। ये सेंट्रल हॉल हमारे संविधान के निर्माण का गवाह है।
प्रधानमंत्री ने कहा, समय गुजरता गया, देश आजाद हो गया, लेकिन हम आज भी देखते हैं, स्वामी जी का प्रभाव अब भी उतना ही है। अध्यात्म को लेकर उन्होंने जो कहा, राष्ट्रवाद-राष्ट्रनिर्माण को लेकर उन्होंने जो कहा, जनसेवा-जगसेवा को लेकर उनके विचार आज हमारे मन-मंदिर में उतनी ही तीव्रता से प्रवाहित होते हैं। उन्होंने कहा, स्वामी विवेकानंद ने एक और अनमोल उपहार दिया है। ये उपहार है, व्यक्तियों के निर्माण का, संस्थाओं के निर्माण का। इसकी चर्चा बहुत कम ही हो पाती है।
युवाओं पर, युवा शक्ति पर विश्वास करते स्वामी जी
पीएम मोदी ने कहा, लोग स्वामी जी के प्रभाव में आते हैं, संस्थानों का निर्माण करते हैं, फिर उन संस्थानों से ऐसे लोग निकलते हैं जो स्वामी जी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए नए लोगों को जोड़ते चलते हैं। उन्होंने कहा, ये स्वामी जी ही थे, जिन्होंने उस दौर में कहा था कि निडर, बेबाक, साफ दिल वाले, साहसी और आकांक्षी युवा ही वो नींव है जिस पर राष्ट्र के भविष्य का निर्माण होता है। वो युवाओं पर, युवा शक्ति पर इतना विश्वास करते थे।
आज राजनीति में ईमानदार लोगों को भी मौका मिल रहा है- मोदी
पीएम मोदी ने आगे कहा, पहले देश में ये धारणा बन गई थी कि अगर कोई युवक राजनीति की तरफ रुख करता था तो घर वाले कहते थे कि बच्चा बिगड़ रहा है, क्योंकि राजनीति का मतलब ही बन गया था- झगड़ा, फसाद, लूट-खसोट, भ्रष्टाचार। लोग कहते थे कि सब कुछ बदल सकता है लेकिन सियासत नहीं बदल सकती। लेकिन आज राजनीति में ईमानदार लोगों को भी मौका मिल रहा है। इमानदारी और प्रदर्शन आज की राजनीति की पहली अनिवार्य शर्त होती जा रही है। भ्रष्टाचार जिनकी लेगेसी थी, उनका भ्रष्टाचार ही आज उन पर बोझ बन गया है। वो लाख कोशिशों के बाद भी इससे उभर नहीं पा रहे हैं।
एनवाईपीएफ की अवधारणा पीएम मोदी के 31 दिसंबर, 2017 को अपने मन की बात के संबोधन में व्यक्त किए गए विचार पर आधारित है। इस विचार से प्रेरणा लेते हुए, पहला एनवाईपीएफ भारत की नई आवाज बनें और नीति के लिए समाधान और योगदान खोजें विषय के साथ 12 जनवरी से 27 फरवरी 2019 तक आयोजित किया गया था।