मुंगेली/ पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के द्वारा 15 अगस्त 2011 को कई नए जिलों की घोषणा की गई थी जिसमें मुंगेली जिला का नाम भी शामिल था। उसके बाद 01 जनवरी 2012 को मुंगेली जिले की स्थापना की गई और मुंगेली जिला स्थापना समारोह 12 जनवरी 2012 को बड़ी धूमधाम से मनाया गया था जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह भी शामिल हुए थे। मुंगेली जिला अस्तित्व में आते ही यहाँ जिला मुख्यालय के तहत कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक कार्यालय सहित कई और कार्यालयों का शुभारंभ हुआ, 12 जनवरी 2012 को जब मुंगेली जिला स्थापना समारोह होना था तब समूचा मुंगेली शहर दुल्हन की तरह सजा हुआ था, साथ ही तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह के द्वारा कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक कार्यालय का उद्घाटन करने के पश्चात रोड शो किया गया था उसके बाद वीर शहीद धनंजय सिंह स्टेडियम बी आर साव स्कूल में जिला उत्सव मनाया गया. और मुंगेली जिले का शुभारंभ किया गया था.. जानकारी के मुताबिक 12 जनवरी 2012 के बाद से आज 9 वर्षो बाद भी मुंगेली जिला उत्सव या जिला स्थापना समारोह नही मनाया गया, मुंगेली जिला उत्सव मनाने न ही जिला प्रशासन द्वारा कोई पहल की गई और न ही मुंगेली के किसी राजनीतिक दल या संगठन के द्वारा… ऐसे में ऐसा प्रतीत होता हैं मानों जिला बनाकर पूर्व सरकार ने अपना कर्तव्य तो निभा दिया पर जो खुशियां जिले के लोगों को मिलनी चाहिए वह शायद नही मिल पाई हैं, क्योंकि मुंगेली जिला बनाये जाने की मांग कई दशकों से की जा रही थी और जब मुंगेली जिला बन गया तो जिला उत्सव के रूप में एक दिवसीय ही सही पर हर वर्ष सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से जिला प्रशासन को या संगठनों को यह उत्सव मनानी जानी चाहिए थी। इस वर्ष तो कोरोना संकट काल हैं जिससे चलते कार्यक्रम का न होना समझ आता हैं, भले ही अभी हाल ही में हो रहे राजनीतिक व धार्मिक आयोजनों पर कोरोना का असर दिखाई नहीं दिया। परंतु जानकारी के अनुसार 12 जनवरी 2012 के बाद से मुंगेली जिला उत्सव नहीं मनाया गया हैं। प्रशासनिक और राजनीतिक स्तर से जिला उत्सव भले ही नहीं मनाया जा रहा लेकिन जिले के सामाजिक संगठनों को आगे आकर इस मामले में पहल करते हुये जिला उत्सव मनाने प्रयास करना चाहिए, बहरहाल अब देखना हैं कि इस खबर के बाद जिला प्रशासन या अन्य संगठनों का मुंगेली जिला उत्सव मनाने क्या रुख होता हैं ? मुंगेलीवासियों ने कहा कि मुंगेली को जिला बने 9 वर्ष हो गए परंतु जिला उत्सव उद्धाटन समय के बाद से अभी तक कोई भी कार्यक्रम नहीं हुए हैं जिससे यह कहा जा सकता हैं कि मुंगेली जिला प्रशासन और यहाँ के कई संगठन मुंगेली जिला उत्सव मना खुशियां नहीं बांट सकते और न ही कोई कार्यक्रम आयोजित कर सकती हैं जो उनकी निष्क्रियता का प्रमाण हैं, मुंगेली को जिला बने करीब 9 वर्ष से अधिक हो गए परंतु अभी भी मुंगेली विकास को तरस रहा हैं, जिले में भ्रष्टाचार चरम पर हैं, नेताओं, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को विकास कार्य से कोई सरोकार नहीं हैं किसी भी निर्माण एवं खरीदी कार्य में अपनी जेब कैसे भरी जाए इसकी योजना ये पहले बनाते हैं जिसके कारण मुंगेली विकास के बजाय विनाश की ओर अग्रसर हैं, मुंगेली में करोड़ों की लागत से बनने वाला गार्डन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया और नगर पालिका के जनप्रतिनिधियों ने चुप्पी साध ली जिसके बाद हाइकोर्ट में गार्डन भ्रष्टाचार पर पीआईएल लगाया गया जिसमें कोरोना संकट काल और लॉकडाउन के कारण फैसला आना बाकी हैं, कलेक्टर कार्यालय के बगल में हुए लाइनिंग कार्य में भ्रष्टाचार, जिले में अवैध कालोनियों पर कोई लगाम नहीं, नगर पालिका द्वारा करोड़ों की लागत से बनाये गए वाटर स्टॉर्म डॉन सहित ऐसे ही कई कार्य हैं जिसमें जमकर भ्रष्टाचार एवं अनियमितता बरती गई हैं।