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एपीएमसी एक्ट में संशोधन के बाद बड़ी डील, किसानों से एमएसपी से अधिक दर पर हो रही धान की खरीद

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रायचूर। कर्नाटक में एपीएमसी एक्ट में संशोधन के बाद किसी बड़ी कॉर्पोरेट कंपनी और किसानों के बीच पहली बार बड़ा सौदा हुआ है। रिलायंस रिटेल लिमिटेड ने रायचूर जिले में सिंधनूर विकासखंड के किसानों से एक हजार क्विंटल सोना मंसूरी धान की खरीद की डील की है।
रिलायंस के रजिस्टर्ड एजेंट्स ने एक पखवाड़े पहले स्वास्थ्य फार्मर्स प्रोड्यूसिंग कंपनी (SFPC) के साथ समझौता किया था। पहले केवल तेल का व्यापार करने वाली कंपनी ने अब धान की खरीद और बिक्री भी शुरू की है। करीब 1100 धान किसान इसके साथ रजिस्टर्ड हैं। रिलायंस रिटेल के अनुबंध के अनुसार फसल में 16 प्रतिशत से भी कम नमी रहनी चाहिए।
धान ले जा रही गाड़ी को जीपीएस मशीन से ट्रैक :
कंपनी ने सोना मंसूरी के लिए 1950 रुपये दाम की पेशकश की, जो कि सरकार के तय MSP रेट (1868 रुपये) से 82 रुपये अधिक है। SFPC और किसानों के बीच समझौते के अनुसार प्रति 100 रुपये के ट्रांजैक्शन पर SFPC को 1.5 प्रतिशत कमीशन मिलेगा। किसानों को फसल को पैक करने के लिए बोरे के साथ ही सिंधनौर स्थित वेयरहाउस तक ट्रांसपॉर्ट का खर्च भी वहन करना होगा।
SFPC के मैनेजिंग डायरेक्टर मल्लिकार्जुन वल्कालदिन्नी ने बताया कि अभी वेयरहाउस में रखे गए धान की क्वालिटी को थर्ड पार्टी टेस्ट करेगी। उन्होंने कहा, एक बार गुणवत्ता की संतुष्टि मिलने पर रिलायंस के एजेंट फसल को उपलब्ध कराएंगे। अभी वेयरहाउस में 500 क्विंटल धान स्टोर है। खरीद के बाद रिलायंस पैसे को SFPC को ऑनलाइन पेमेंट कर देगा, जो पैसे को किसानों के खाते में सीधे जमा करेगा। उन्होंने बताया कि धान को ले जा रही गाड़ी को जीपीएस मशीन से ट्रैक किया जाएगा।
इस फैसले से नाखुशी भी :
हालांकि इस कदम से हर कोई खुश नहीं है। कर्नाटक राज्य रैथा संघ के अध्यक्ष चमारासा मालिपाटिल ने बताया कि कॉर्पोरेट कंपनियां पहले तो किसानों को MSP से अधिक दाम का ऑफर कर लालच देंगी। इससे एपीएमसी मंडियों का नुकसान होगा। फिर बाद में किसानों का उत्पीड़न शुरू होगा। हमें इस तरह की चाल से सावधान रहना चाहिए।