जगदलपुर। अलवा गांव में तैयार होने वाले बेल मेटल आर्ट को विश्व के कम से कम 100 देशों में पहचान मिलेगी। भारतीय दूतावासों में बाकायदा आऊटलेट्स खोलकर कलाकृतियों को प्रदर्शन के लिए रखा जाएगा। इससे न केवल उत्पादकी सराहना होगी, बल्कि कारीगरों को वैश्विक स्तर पर पहंचान भी मिल सकेगी।
उक्त बातें बस्तर कलेक्टर रहे और वर्तमान में ट्रायफेड के एमडी प्रवीर कृष्ण ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। उन्होंने कहा कि ट्राई फ्रूड पार्क तैयार किया जा रहा है, जहां 20 हजार महिलाओं को रोजगार मिलेगा. बस्तर के काजू, महुआ, इमली और शहद में वैल्यु एडीशन कर इसका विक्रय किया जाएगा। ऐसी कुल 5 यूनिट खुलेंगी, महुआ की डिस्टीलरी तैयार कर इस गोवा की फेनी तर्ज पर ब्रांड बनाया जाएंगा।
उन्होंने कहा कि ट्राइबल उत्पादों का प्रोसेस कर इंडिस्ट्रियल व्यवस्थाओं में उत्पादन करेंगे और इसका संचालन भी ट्राइबल ही करेंगे। कृष्ण ने दावा करते हुए कहा कि यह बस्तर के लिए ऊंची और बड़ी छलांग साबित होगी।