नई दिल्ली। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी है। जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है। फैसले में कोर्ट ने कहा, सरकार परियोजना के साथ आगे बढ़ सकती है, सरकार के पास सभी उचित पर्मीशन हैं। बेंच सरकार को इस योजना के लिए मंजूरी दे रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यह प्रोजेक्ट डीडीए एक्ट के तहत वैध है। कोर्ट ने कहा कि पर्यावरण मंत्रालय द्वारा पर्यावरण मंजूरी की सिफारिशें उचित हैं और हम इसे बरकरार रखते हैं। साथ ही अदालत ने परियोजना समर्थकों को समिति से अनुमोदन प्राप्त करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि निर्माण कार्य शुरू करने के लिए हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी की मंजूरी आवश्यक है।सेंट्रल विस्टा
राष्ट्रपति भवनसे लेकर इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर के दायरे में फैला है, इस परियोजना मेंसंसद भवन की नयी इमारत का निर्माण शामिल है। इस प्रोजेक्ट के तहत केंद्रीय मंत्रालयों के लिए सरकारी इमारतों, उपराष्ट्रपति के लिए नए इनक्लेव, प्रधानमंत्री के कार्यालय और आवास समेत अन्य निर्माण किए जाने हैं। परियोजना का काम कर रहे केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने अनुमानित लागत को 11,794 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 13,450 करोड़ रुपये कर दिया है। उम्मीद है कि 2022 में यह प्रॉजेक्ट पूरा हो जाएगा और आजादी के 75 साव पूरा होने पर संसद सत्र नए भवन में ही चलेंगे।