रायपुर। बीते साल की भयावह यादों को भूलकर अब मुस्कुराने की घड़ी आ गई है। कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण की तैयारी अपने आखिरी दौर में है। राज्य के 7 जिलों के साथ पूरे देश में 116 जिलों में व 259 जगहों पर वैक्सीनेशन का मॉक-ड्रिल किया जा रहा है। प्रदेश में राजधानी रायपुर समेत बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा, बस्तर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही और राजनांदगांव में टीकाकरण का ड्राय रन किया जा रहा है। प्रत्येक टीकाकरण केंद्रों में एक-एक नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं जो पूरी व्यवस्था पर नजर रखेंगे।
इन सभी जगह में कोविन ऐप में पंजीकृत हितग्राहियों को मैसेज के माध्यम से वहां बुलाया जाएगा और टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया की जाएगी। रायपुर सहित पूरे छत्तीसगढ़ में 525 लोगों को इस ड्रिल में शामिल किया जाएगा। इधर स्वास्थ्य मंत्री बता रहे हैं कि सभी 5 संभाग के अलावा गौरेला पेंड्रा मरवाही और राजनन्दगांव में भी ड्राई रन के लिए कहा गया है इसका उद्देश्य कोविन एप की प्रतिक्रिया सहित अन्य व्यवस्थाओं को लेकर की जा रही तैयारियों को जांचना है।
राजधानी रायपुर में कुशालपुर स्थित सरकारी स्कूल समेत कई स्थानों में टीकाकरण केंद्र बनाया गया है। कुशालपुर केंद्र की नोडल अधिकारी डॉक्टर प्रियंका शुक्ला ने बताया कि वैक्सीनेशन के पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों को रखा जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में कोरोना संक्रमित पाए जाने वाले मरीजों का पूरा डेटा रखा है, जिससे उनकी लिस्टिंग की जाएगी। इसके बाद वैक्सीनेशन के लिए उनका रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। इसके लिए आधार, वोटर आईडी, ड्रायविंग लायसेंस, पैन कार्ड या पासपोर्ट समेत अन्य पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य होगा।
नोडल अधिकारी ने बताया कि 2 लाख 54 हजार मरीजों की लिस्ट बनकर तैयार है। प्रतिदिन 25 लोगों को वैक्सीन का टीका लगाया जाएगा। लिस्ट में जिनका नाम होगा उन्हें मोबाइल पर मैसेज भी भेजा जाएगा। वैक्सीन का लाभ लेने वालों को एंट्री के पहले सेनेटाइज किया जाएगा। उसके बाद एक-एक कर उन्हें वैक्सीन का डोज दिया जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया वोटिंग के लिए पोलिंग बूथ या पोलियो बूथ जैसी ही होगी।
टीकाकरण के बाद उन्हें आधे घंटे के लिए अलग से बनाए गए निगरानी कक्ष में रखा जाएगा। ताकि उनका ऑब्जर्वेशन किया जा सके। टीकाकरण केंद्र में इसका डेमो भी दिखाया गया कि डोज लेने के बाद स्वास्थ्य में किसी प्रकार की परेशानी या फिर रिएक्शन हो तो उससे कैसे निपटा जाए। ऐसी स्थिति आने पर एंबुलेंस की सहायता से मरीज को सीधे अस्पताल भेजा जाएगा।
इस मॉकड्रिल का उद्देश्य कोल्ड चेन मैनेजमेंट, वैक्सीन की सप्लाई, स्टोरेज और लॉजिस्टिक्स के साथ ही वैक्सीनेशन के लिए पहुंचे लोगों के वैक्सीनेशन साइट पर पहुंचने, उनकी एंट्री, रजिस्ट्रेशन, वैक्सीनेशन व ऑब्जर्वेशन में रखने की तैयारियों को परखना है। वैक्सीनेशन के दौरान को-विन एप में एंट्री से लेकर वैक्सीन लगाने तक कितना समय लगता है, यह भी देखा जाएगा। पूरी मशीनरी की तैयारियों को भी परखा जाएगा।