समझौते ने बावजूद नहीं मिल रहा भरणपोषण का खर्चा
बिलाईगढ़। सौतेली माँ के अपने पति के निधन के बाद पुत्र को अनुकंपा नियुक्ति देने की सहमति के बाद खुद चपरासी की नौकरी पर लगने का मामला सामने आया है।
मामला बिलाईगढ़ विधानसभा के ग्राम पेंड्रावन का है, जहां मनीराम बघेल जो शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला सरधाभाठा में एक शिक्षक (एलबी) के पद पर पदस्थ था। सेवाकाल के दौरान ही मनीराम का निधन हो गया। निधन के बाद इनके चार बच्चे दूसरी पत्नी विनीता बघेल के भरोसे रह रहे थे। लेकिन दूसरी पत्नी ने भी इन बच्चों से अपनी साया अलग कर लिया और दूसरी शादी कर ली। इधर शिक्षक के निधन के बाद अनुकंपा नियुक्ति पर नौकरी उनके पुत्र अमन बघेल को मिलना था। लेकिन सौतेली माँ विनीता ने बच्चों के साथ छल कपट व अधिकारियों से मिली भगत कर चपरासी के पद पर पदस्थ हो गई। अब सभी बच्चे आनाथ, लावारिस जीने को मजबूर हो गए है।
बच्चों से मिली जानकारी के मुताबिक अनुकंपा नियुक्ति होने के समय अमन बघेल द्वारा विकासखंड शिक्षाधिकारी बिलाईगढ़ को अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन दिया गया था। उस दौरान इनकी सौतेली माँ ने अपनी सहमति जताते नौकरी अमन बघेल को देने सहमति दी थी बावजूद पुत्र अमन बघेल को नौकरी नहीं मिली और आज तक ऑफिस के चक्कर काट रहें है।
वहीं उनकी पुत्री रोशनी बघेल ने अपनी सौतेली माँ पर आरोप लगाते मीडिया को बताया कि उनकी सौतेली माँ और बच्चों के बीच समझौता कराया गया था बावजूद बच्चों का भरण पोषण करने कोई खर्च नहीं दे रही है जिनसे वे दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर है।
भाई अमन बघेल को अनुकंपा नियुक्ति देने कलेक्टर सहित जिला शिक्षाधिकारी को आवेदन किया गया है। बावजूद अब तक इनको न्याय नहीं मिल पाया है। ऐसे में अब मीडिया के माध्यम से अनुकंपा नियुक्ति के असली हकदार अमन बघेल की नियुक्ति करने की माँग रखी है साथ ही साथ इसमे संलिप्त दोषियों के प्रति उचित कार्यवाही करने की मांग की है।